एलर्जी के रोगी
" एलर्जी " एक आम शब्द , जिसका प्रयोग हम कभी ' किसी ख़ास व्यक्ति से मुझे एलर्जी है ' के रूप में करते हैं. ऐसे ही हमारा शरीर भी ख़ास रसायन उद्दीपकों के प्रति अपनी असहज प्रतिक्रया को ' एलर्जी ' के रूप में दर्शाता है.
◆बारिश के बाद आयी धूप तो ऐसे रोगियों क़ी स्थिति को और भी दूभर कर देती है. ऐसे लोगों को अक्सर अपने चेहरे पर रूमाल लगाए देखा जा सकता है. क्या करें छींक के मारे बुरा हाल जो हो जाता है.
◆आजकल डस्ट से होने वाली एलर्जी सामान्य बन रही है। शुरुआत में इसे अवॉयड करने पर यह साइनस,दमा, अस्थमा,आंखों की एलर्जी औऱ स्किन एलर्जी में तब्दील हो सकती है।
●कैसे पहचाने एलर्जी------------‼
लगातार छीक आना, नाक से पानी बहना, नाक बंद होना,आंखे लाल और पानी आना, नाक गले तालू औऱ आंख में खुजली चलना, सीने में जकड़न,लगातार खाँसी आना, सांस लेते वक्त सीटी की आवाज आना।
शरीर पर चकते,खुजली, स्किन का बदरंग हो जाना,लाल या सफेद ददोरे होना,इत्यादि इसके सामान्य लक्षण होते हैं।
आयुर्वेदिक उपचार-----
लक्ष्मी विलास रस, अगस्त्य हरीतकी,सुवालीन, स्पेशल च्यवनप्राश, षड़बिन्दु तेल,अपामार्ग घृत, गिलोय सत्व, हरिद्रा खंड, टंकण,इत्यादि ओषधियों, का सेवन रोग की तीव्रता के अनुसार खिलाने से साइनस ,नजला, कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
✅ नमक पानी से ' कुंजल क्रिया ' एवं ' नेती क्रिया " कफ दोष को बाहर निकालकर पुराने से पुराने एलर्जी को दूर कने में मददगार होती है.
✅ पंचकर्म की प्रक्रिया ' नस्य ' का चिकित्सक के परामर्श से प्रयोग ' एलर्जी ' से बचाव ही नहीं इसकी सफल चिकित्सा है.
✅ प्राणायाम में ' कपालभाती ' का नियमित प्रयोग एलर्जी से मुक्ति का सरल उपाय है.।
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