Wednesday, 31 January 2018

दही के 25 चमत्कारिक उपाय !

दही के 25 चमत्कारिक उपाय !

1) 🕵🏻‍♂दही बालों के लिए एक बेहतरीन कंडीशनर है , दही बालों में जड़ से लगायें और 15-20 मिनट लगे रहने दें फिर बाल धुल लें . यह उपाय बालों की रूसी ,रूखापन दूर कर बालों को चमकदार और मुलायम बनाता है.

2) 🙆🏻‍♂बालो में अगर रूसी ज्यादा है तो दही में काली मिर्च पाउडर मिलाकर बालों की जड़ो में लगायें ,थोड़ी देर लगे रहने के बाद धो लें.

3) 👩🏻‍🎤दही में मुल्तानी मिटटी मिलाकर बालों में लगायें ,यह शैम्पू का काम करता है साथ ही बालों को झड़ने से भी रोकता है.

4) 🤗दही में बेसन, चन्दन पाउडर और थोडा सा हल्दी मिलकर उबटन चेहरे और शरीर पर लगायें ,सूखने पर छुड़ा लें. आप की त्वचा पर बेहतरीन चमक,निखार और स्निग्धता आएगी.

5) 🤷🏻‍♀अगर आपकी त्वचा तैलीय है तो दही -शहद मिलाकर चेहरे पर लगायें, यह उपाय चेहरे के अतिरिक्त तैलीय तत्व को दूर करता है .

6) 💆🏻‍♀चेहरे पर होने वाले दानो और मुहांसों के उपचार के लिए खट्टी दही का लेप चेहरे पर लगायें सूखने पर धोएं, फायदा होगा

7) ✅आयुर्वेद के अनुसार गाय के दूध से बनने वाला दही बलवर्धक, शीतल, पौष्टिक, पाचक और कफनाशक होता है.

*😎 भैंस के दूध से बनने वाला दही रक्त, पित्त, बल-वीर्यवर्धक, स्निग्ध, कफकारक और भारी होता है.*

9) ✅मख्खन निकाला हुआ दही शीतल, हल्का, भूख बढानेवाला, वातकारक और दस्त रोकने वाला होता है.

10) ✅दही में कैल्सियम सबसे ज्यादा होता है जोकि हड्डी ,दांत ,नाखून आदि का विकास और संरक्षण करता है.

11)✅ दही में कैल्सियम के अतिरिक्त विटामिन A, B6, B12 ,प्रोटीन, राइबोफ्लेविन पोषक तत्त्व पाए जाते हैं.

*12)✅ दही शरीर में श्वेत-रक्त कणिकाओं (White Blood Corpuscles) की संख्या बढाता है जिससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता का तेजी से विकास होता है.*

13)✅ एंटीबायोटिक दवाइयों के सेवन के दुष्प्रभाव से बचने के लिए दही सेवन की सलाह डाक्टर भी देते हैं.

14)✅ दही पेट के लिए अमृत समान माना गया है , दही आंतों और पेट की गर्मी दूर करता है और पाचन तंत्र को सबल बनाता है.

15)✅ ह्रदय रोग ,हाई ब्लड प्रेशर ,गुर्दे की बिमारियों में दही का प्रयोग अच्छा माना गया है

*16)✅ बवासीर के उपचार के लिए छाछ में अजवायन मिला कर पिए ,लाभ होगा.सर्दी, खांसी और अस्थमा के रोगियों को दही के सेवन से बचना चाहिए.*

*17)✅ दही के ऊपर का पानी भी फायदेमंद माना जाता है, इससे दस्त, कब्ज, पीलिया, दमा के रोगियों को लाभ होता है.*

18) ✅मुह के छालों के उपचार के लिए दिन में 3-4 बार छालों पर दही लगायें.

*19)✅ दही के नुकसानरहित सेवन के लिए दही में काला नमक, सोंठ, पुदीना, जीरा पाउडर मिलाकर खाएं*

20)✅ बहुत से लोगों को दूध आसानी से नहीं पचता है, वो लोग दही सेवन से दूध के सभी पोषक तत्वों को प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि दही सुपाच्य होता है.

21) ✅दही हमेशा ताज़ा ही खाना चाहिए. दही के सेवन से नींद भी बढ़िया आती है.

*22)✅दही से बहुत से बेहतरीन भोज्य पदार्थ बनते है जैसे लस्सी, छाछ, रायता आदि. दही से बहुत तरह के रायता बनाये जा सकते है जैसे ककड़ी, प्याज-खीरा-टमाटर का रायता, बूंदी का रायता, अनानास का रायता आदि. इनका सेवन गर्मियों में लू और डीहाईड्रेशन से बचाता है*

23) ✅जिन लोगों को पेट की परेशानियां जैसे- अपच, कब्ज, गैस बीमारियां घेरे रहती हैं, उनके लिए दही या उससे बनी लस्सी, मट्ठा, छाछ का उपयोग करने से आंतों की गरमी दूर हो जाती है। डाइजेशन अच्छी तरह से होने लगता है और भूख खुलकर लगती है।

24)✅हड्डियों के लिए –दही में calcium की अच्छी मात्रा होती है , जो के हमारे शरीर के हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है | बच्चों को खास कर दही खिलाना चाहिए |

25)✅हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को रोजाना दही का सेवन करना चाहिए.

ही में नमक डाल कर न खाऐं

कभी भी आप दही को नमक के साथ मत खाईये. दही को अगर खाना ही है, तो हमेशा दही को मीठी चीज़ों के साथ खाना चाहिए, जैसे कि चीनी के साथ, गुड के साथ, बूरे के साथ आदि.

इस क्रिया को और बेहतर से समझने के लिए आपको बाज़ार जाकर किसी भी साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट की दूकान पर जाना है, और वहां से आपको एक लेंस खरीदना है. अब अगर आप दही में इस लेंस से देखेंगे तो आपको छोटे-छोटे हजारों बैक्टीरिया नज़र आएंगे. ये बैक्टीरिया जीवित अवस्था में आपको इधर-उधर चलते फिरते नजर आएंगे. ये बैक्टीरिया जीवित अवस्था में ही हमारे शरीर में जाने चाहिए, क्योंकि जब हम दही खाते हैं तो हमारे अंदर एंजाइम प्रोसेस अच्छे से चलता है.

*हम दही केवल बैक्टीरिया के लिए खाते हैं.* दही को आयुर्वेद की भाषा में जीवाणुओं का घर माना जाता है. अगर एक कप दही में आप जीवाणुओं की गिनती करेंगे तो करोड़ों जीवाणु नजर आएंगे. अगर आप मीठा दही खायेंगे तो ये बैक्टीरिया आपके लिए काफ़ी फायेदेमंद साबित होंगे. *वहीं अगर आप दही में एक चुटकी नमक भी मिला लें तो एक मिनट में सारे बैक्टीरिया मर जायेंगे* और उनकी लाश ही हमारे अंदर जाएगी जो कि किसी काम नहीं आएगी. अगर आप 100 किलो दही में एक चुटकी नामक डालेंगे तो दही के सारे बैक्टीरियल गुण खत्म हो जायेंगे. क्योंकि नमक में जो केमिकल्स है वह जीवाणुओं के दुश्मन है.

आयुर्वेद में कहा गया है कि दही में ऐसी चीज़ मिलाएं, जो कि जीवाणुओं को बढाये ना कि उन्हें मारे या खत्म करे | दही को गुड़ के साथ खाईये. गुड़ डालते ही जीवाणुओं की संख्या मल्टीप्लाई हो जाती है और वह एक करोड़ से दो करोड़ हो जाते हैं. थोड़ी देर गुड मिला कर रख दीजिए. बूरा डालकर भी दही में जीवाणुओं की ग्रोथ कई गुना ज्यादा हो जाती है. मिश्री को अगर दही में डाला जाये तो ये सोने पर सुहागे का काम करेगी. योगराज  कृष्ण भी दही को मिश्री के साथ ही खाते थे. पुराने समय के लोग अक्सर दही में गुड़ डाल कर दिया करते थे.कुछ जानकारी जिसका ज्ञान सबको होना चाहिए.

Tuesday, 23 January 2018

चाय के दुष्प्रभाव

दो सौ वर्ष पहले तक भारतीय घरो में चाय नहीं होती थी। आज कोई भी घर आये अतिथि को पहले चाय पूछता है। ये बदलाव अंग्रेजों की देन है। कई लोग ऑफिस में दिन भर चाय लेते रहते है., यहाँ तक की उपवास में भी चाय लेते है । किसी भी डॉक्टर के पास जायेंगे तो वो शराब - सिगरेट - तम्बाखू छोड़ने को कहेगा , पर चाय नहीं, क्योंकि यह उसे पढ़ाया नहीं गया और वह भी खुद इसका गुलाम है. परन्तु किसी अच्छे वैद्य के पास जाओगे तो वह पहले सलाह देगा चाय ना पियें। चाय की हरी पत्ती पानी में उबाल कर पीने में कोई बुराई नहीं परन्तु जहां यह फर्मेंट हो कर काली हुई,  सारी बुराइयां उसमे आ जाती है। आइये जानते है कैसे?

हमारे गर्म देश में चाय और गर्मी बढ़ाती है, पित्त बढ़ाती है। चाय के सेवन करने से शरीर में उपलब्ध विटामिन्स नष्ट होते हैं। इसके सेवन से स्मरण शक्ति में दुर्बलता आती है। - चाय का सेवन लिवर पर बुरा प्रभाव डालता है।
१. चाय का सेवन रक्त आदि की वास्तविक उष्मा को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
२. दूध से बनी चाय का सेवन आमाशय पर बुरा प्रभाव डालता है और पाचन क्रिया को क्षति पहुंचाता है।
३. चाय में उपलब्ध कैफीन हृदय पर बुरा प्रभाव डालती है, अत: चाय का अधिक सेवन प्राय: हृदय के रोग को उत्पन्न करने में सहायक होता है।                               
४. चाय में कैफीन तत्व छ: प्रतिशत मात्रा में होता है जो रक्त को दूषित करने के साथ शरीर के अवयवों को कमजोर भी करता है।
५. चाय पीने से खून गन्दा हो जाता है और चेहरे पर लाल फुंसियां निकल आती है।
६. जो लोग चाय बहुत पीते है उनकी आंतें जवाब दे जाती है। कब्ज घर कर जाती है और मल निष्कासन में कठिनाई आती है।
७. चाय पीने से कैंसर तक होने की संभावना भी रहती है।
८. चाय से स्नायविक गड़बडियां होती हैं, कमजोरी और पेट में गैस भी।
९. चाय पीने से अनिद्रा की शिकायत भी बढ़ती जाती है।
१०. चाय से न्यूरोलाजिकल गड़बड़ियां आ जाती है।
११. चाय में उपलब्ध यूरिक एसिड से मूत्राशय या मूत्र नलिकायें निर्बल हो जाती हैं, जिसके परिणाम स्वरूप चाय का सेवन करने वाले व्यक्ति को बार-बार मूत्र आने की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
१२. इससे दांत खराब होते है. - रेलवे स्टेशनों या टी स्टालों पर बिकने वाली चाय का सेवन यदि न करें तो बेहतर होगा क्योंकि ये बरतन को साफ किये बिना कई बार इसी में चाय बनाते रहते हैं जिस कारण कई बार चाय विषैली हो जाती है। चाय को कभी भी दोबारा गर्म करके न पिएं तो बेहतर होगा।
१३. बाज़ार की चाय अक्सर अल्युमीनियम के भगोने में खदका कर बनाई जाती है। चाय के अलावा यह अल्युमीनियम भी घुल कर पेट की प्रणाली को बार्बाद करने में कम भूमिका नहीं निभाता है।
१४. कई बार हम लोग बची हुई चाय को थरमस में डालकर रख देते हैं इसलिए भूलकर भी ज्यादा देर तक थरमस में रखी चाय का सेवन न करें। जितना हो सके चायपत्ती को कम उबालें तथा एक बार चाय बन जाने पर इस्तेमाल की गई चायपत्ती को फेंक दें।
१५. शरीर में आयरन अवशोषित ना हो पाने से एनीमिया हो जाता है। इसमें मौजूद कैफीन लत लगा देता है। लत हमेशा बुरी ही होती है ।
१६. ज़्यादा चाय पिने से खुश्की आ जाती है.आंतों के स्नायु भी कठोर बन जाते हैं।
१७. चाय के हर कप के साथ एक या अधिक चम्मच शकर ली जाती है जो वजन बढाती है।
१८. अक्सर लोग चाय के साथ नमकीन , खारे बिस्कुट ,पकौड़ी आदि लेते है. यह विरुद्ध आहार है. इससे त्वचा रोग होते है.।
१९. चाय से भूख मर जाती है, दिमाग सूखने लगता है, गुदा और वीर्याशय ढीले पड़ जाते हैं। डायबिटीज़ जैसे रोग होते हैं। दिमाग सूखने से उड़ जाने वाली नींद के कारण आभासित
कृत्रिम स्फूर्ति को स्फूर्ति मान लेना, यह बड़ी गलती है।
२०. चाय-कॉफी के विनाशकारी व्यसन में फँसे हुए लोग स्फूर्ति का बहाना बनाकर हारे हुए जुआरी की तरह व्यसन में अधिकाधिक गहरे डूबते जाते हैं। वे लोग शरीर, मन, दिमाग और पसीने की कमाई को व्यर्थ गँवा देते हैं और भयंकर व्याधियों के शिकार बन जाते हैं।
            *चाय का विकल्प*
 पहले तो संकल्प कर लें की चाय नहीं पियेंगे. दो दिन से एक हफ्ते तक याद आएगी ; फिर सोचोगे अच्छा हुआ छोड़ दी.एक दो दिन सिर दर्द हो सकता है.
 सुबह ताजगी के लिए गर्म पानी ले. चाहे तो उसमे आंवले के टुकड़े मिला दे. थोड़ा एलोवेरा मिला दे.
 सुबह गर्म पानी में शहद निम्बू डाल के पी सकते है. गर्म पानी में तरह तरह की पत्तियाँ या फूलों की पंखुड़ियां डालकर पी सकते है. जापान में लोग ऐसी ही चाय पीते है और स्वस्थ और दीर्घायु होते है.
 कभी पानी में मधुमालती की पंखुड़ियां , कभी मोगरे की , कभी जासवंद , कभी पारिजात आदि डाल कर पियें.
 गर्म पानी में लेमन ग्रास, तेजपत्ता,पारिजात, आदि के पत्ते या अर्जुन की छाल या इलायची , दालचीनी इनमे से एक कुछ डाल कर पियें ।

Sunday, 21 January 2018

अदरक का पानी

 शरीर की 100 बड़ी बड़ी बीमारियों की एक दवा अदरक का पानी 

 अदरक का पानी पीने से ये होते है फायदे, जानकर हैरान रह जाएंगे आप अगर रहना चाहते हो बीमारियों से दूर तो अपनाये इस ड्रिंक को---
  • आज हम आपके लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी लाये है आपकी बीमारियों को. ड्रिंक को ।आज जिसे देखो हर कोई किसी न किसी बीमारी से पीड़ित है हर कोई कोई न कोई दवाई जरूर खा रहा है क्योकि आजकल का खानपान व जीवनशैली ऐसी है ।ऐसे में क्या करे किसी को कुछ भी समझ नहीं आता है ।तो आज हम आपको हेल्थी बनाये रखने के लिए एक ऐसा ड्रिंक लाये है जो आपको आपकी बीमारियों से छुटकारा दिलाने में मदद करेगा ।और आप इसके फायदे जानकर हैरान रह जाओगे ।
आज हम आपको अदरक से बने ड्रिंक को पीने के फायदे बताएँगे ।
  • अदरक हर घर में प्रयोग किये जाना वाला मसाला है ।अदरक में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते है ।इसमें एंटी फंगल ,एंटी बैक्टीरियल ,जलनरोधी ,एंटी वायरल और एंटी इफ्लेमेंटरी गुण पाए जाते है।|जो हमारे शरीर को हेअल्थी बनाये रखने के लिए जरुरी है ।वैसे तो हम अदरक का प्रयोग कई रूपों में करते है जैसे अदरक को कूटकर ,सुखाकर अदरक की चाय बनाकर आदि कई रूपों में मगर आज हम आपको अदरक के पानी से आपको हेल्थी बनाये रखने के फायदे लाये है ।*
 जी हां पहले हम आपको अदरक का पानी बनाना बताएँगे फिर इसके सेवन की विधि और बाद में इसके फायदे बताएँगे-------
इसके लिए आपको दो ही सामान की जरुरत है 
*एक गिलास साफ़ पानी*
*अदरक का एक छोटा सा टुकड़ा जैसे 20 ग्राम अदरक*
*एक चम्मच पुराना गुड़
विधि*
अब आप एक बर्तन में पानी व अदरक को थोड़ा कूटकर डाले ।और इसे दस से पंद्रह मिनट तक उबालिये जब पानी आधा रह जाये तो इसे गैस से उतार लीजिये |और थोड़ा गुनगुना होने पर इसमे एक चम्मच शद्ध पुराना गुड  मिला दे ।अब आपका ड्रिंक तैयार हो गया है ।अब इसके सेवन की विधि आपने इस ड्रिंक का प्रयोग रात में खाना खाने के एक घंटे बाद सेवन करना है इसके बाद कुछ नहीं खाना है।
अब हम आपको इस ड्रिंक के फायदे बताते है--
*वजन को घटने में- अदरक का पानी पीने से शरीर के मेटाबॉलिज्म को सही रखता है |जिससे बॉडी का फैट बर्न हो जाता है |जिससे हमारा वजन कम होता है |
*मधुमेह रोगियों के लिए- अदरक के पानी के प्रयोग से शरीर में शुगर लेवल कण्ट्रोल हो जाता है |जिससे डॉयबिटीज रोगियों को बहुत ही फायदा मिलता है ।
* सिरदर्द में फायदा- अदरक का पानी पीने से सिरदर्द नहीं होता है ।इससे ब्रेन सेल्स शांत रहते है जिससे सिरदर्द नहीं होता है ।और इससे माइग्रेन तक भी ठीक हो जाता है ।
*इम्मयून पावर को बढ़ाता है- अदरक के पानी का सेवन करने से शरीर में इम्युनिटी पावर बढ़ती है जिससे हमें कई रोगो से लड़ने की ताक़त मिलती है ।और जिससे हमें सर्दी जुकाम जैसी बीमारियों और वायरल इन्फेक्शन से भी बचाव होता है ।
*अदरक का पानी पीने से बॉडी डेटॉक्स होती है इससे शरीर के सारे विषैले तत्व बाहर निकल जाते है ।और जिससे हमारा खून साफ़ हो जाता है और हमारे फेस पर पिम्पल्स जैसी समस्याएं भी नहीं होती है ।

*अदरक का पानी पीने से श्वास सम्बन्धी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है ।इससे अस्थमा और बलगम की परेशानी दूर हो जाती है ।क्योकि इसमें एंटी बक्टेरिल गुण पाए जाते है ।
*अदरक का पानी पीने से मासपेशियो के दर्दो से मुक्ति मिल जाती है |इससे जोड़ो में सूजन भी नहीं रहती है ।क्योकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा जयादा होती है जिससे बॉडी में खून का प्रवाह सही रूप से होता है ।
*अदरक का पानी पीने से हमारा पाचन तंत्र सही रूप से कार्य करता है ।इसे पीने से हमारा खाना आसानी से हजम हो जाता है ।और जिससे पेट में एसिडिटी जैसी समस्याएं भी नहीं रहती है ।
*अदरक का पानी पीने से कैंसर जैसी बीमारी की भी रोकथाम करता है।|इससे कैंसर सेल्स पनप नहीं पाते है। क्योकि इसमें एंटी कैंसर गुण पाए जाते है और इससे ब्रैस्ट कैंसर पैदा करने वाले सेल्स को बढ़ने से रोकता है ।
*अदरक का पानी पीने से हमारे शरीर का खून पतला होता है जिससे हमें ब्लड प्रेशर की शिकायत भी नहीं रहती है |
*अदरक का पानी पीने से  कोलेस्ट्रॉल कम होता है जिससे शरीर में खून के थक्के नहीं जमते है और खून का प्रवाह सही रहता है जिससे हार्ट अटैक जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है ।
*अदरक का पानी पीने से हमारे बाल भी काले व घने बनते है ।अगर आप अदरक का जूस निकालकर बालो की जड़ो में लगाए तो इससे बालो की समस्याएं ख़तम हो जाएगी |परन्तु आपने यहाँ एक बात धयान रखनी है आपने अदरक के जूस में पानी नहीं मिलाना है तभी इसका बालो में प्रयोग करना है ।
*देखा दोस्तों कैसे अदरक का पानी हमारे शरीर को कितनी बीमारियों से दूर करता है।लेकिन आपको इस पानी का बहुत जयादा गर्मी में प्रयोग नही करना हैं।

Thursday, 11 January 2018

कमाल का करेला 

करेला ना केवल खाने के काम आता है बल्कि आप उससे कई सारी खुद की समस्याएं भी सुलझा सकती हैं। 
करेले के रस को बालों में लगाने से वह चमकदार बनते हैं, उनका टूटना कम हो जाता है, रूसी गायब होती है और ऐसी ही कई तमाम समस्याएं हल हो जाती हैं। 
शाइन लाने के लिये ताजे करेले के रस में दही मिलाइये और बालों में लगाइये। इससे आपके बालों में अच्छी शाइन आएगी। 

दो मुंहे बालों के लिये कच्चे करेले के रस को सिर में डाल कर हल्के हाथों से कंघी करें। ऐसा हफते में दो बार करें। 
रूसी भगाने के लिये यदि आप करेले और जीरे को पीस कर पेस्ट बना कर बलों में लगाएं तो आप महीने भर में रूसी से छुटकारा पा सकेंगी। 

खुजलीदार खोपड़ी के लिये करेले के रस के साथ या तो एवाकाडो मिलाइये या फिर केले का टुकड़ा। इसे हेयर पैक बना कर खुजलीदार खोपड़ी पर लगाइये। 

रूखे बालों के लिये अगर बाल उलझ गए हैं तो उन पर 1 कप करेले का रस सिर पर करीबन 15 मिनट तक लगाए रखने के बाद सिर धो लें। इससे बाल बिल्कुल मुलायम बन जाएंगे। 
सफेद बालों के लिये अगर बाल असमय ही सफेद हो रहे हैं तो करेले का गाढा रस निकालें और उसे बालों पर लगाएं। ऐसा पूरे 10 दिनों तक करें और लाभ पाएं। 

बाल झड़ने के लिये हेयर फॉल को सही करने के लिये करेले के रस में 1 चम्मच चीनी मिलाइये और इस पेस्ट को बालों पर लगाइये। इससे प्राकृतिक रूप से बाल झड़ना बंद हो जाएंगे।

मेंहदी का विभिन्न रोगों में उपयोग

मेंहदी का विभिन्न रोगों में उपयोग

- लगभग ४.५ ग्राम मेंहदी के फूलों को पानी में पीसकर कपड़े से छान लें,इसमें ७ ग्राम शहद मिलाकर कुछ दिन पीने से गर्मी से उत्पन्न सिरदर्द शीघ्र ही ठीक हो जाता है |

- मेंहदी में दही और आंवला चूर्ण मिलाकर २- ३ घंटे बालों में लगाने से बाल घने,मुलायम,काले और लम्बे होते हैं |

- दस ग्राम मेंहदी के पत्तों को २०० मिली पानी में भिगोकर रख दें,थोड़ी देर बाद छानकर इस पानी से गरारे करने से मुँह के छाले शीघ्र शांत हो जाते हैं |

- मेंहदी के बीजों को बारीक पीसकर,घी मिलाकर ५०० मिग्रा की गोलियां बना लें | इन गोलियों को सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करने से खुनी दस्तों में लाभ होता है

- लगभग ५ ग्राम मेंहदी के पत्ते लेकर रात को मिटटी के बर्तन में भिगो दें और प्रातःकाल इन पत्तियों को मसलकर तथा छानकर रोगी को पिला दें | एक सप्ताह के सेवन से पुराने पीलिया रोग में अत्यंत लाभ होता है |

- मेंहदी और एरंड के पत्तों को समभाग पीसकर थोड़ा गर्म करे घुटनों पर लेप करने से घुटनों की पीड़ा में लाभ होता है |

- अग्नि से जले हुए स्थान पर मेंहदी की छाल या पत्तों को पीसकर गाढ़ा लेप करने से लाभ होता है |

Tuesday, 9 January 2018

Health Tips..

 1. तेज सिरर्दर्द से छुटकारा पाने के लिए सेब को छिल कर बारीक काटें। उसमें थोड़ा सा नमक मिलाकर सुबह खाली पेट खाएं।

 2. (Periods) में दर्द से छुटकारा पाना के लिए ठंडे पानी में दो-तीन नींबू निचोड़ कर पिये।
 3. शरीर पर कहीं जल गया हो, तेज धूप से त्वचा झुलस गई हो, त्वचा पर झुर्रियां हों या कोई त्वचा रोग हो तो कच्चे आलू का रस निकालकर लगाने से फायदा होता हैं।
 4. मक्खन में थोड़ा सा केसर मिलाकर रोजाना लगाने से काले होंठ भी गुलाबी होने लगते हैं।
 5. मुंह की बदबू से परेशान हों तो दालचीनी का टुकड़ा मुंह में रखें। मुंह की बदबू तुरंत दूर हो जाती हैं।
 6. बहती नाक से परेशान हों तो युकेलिप्टस (सफेदा) का तेल रूमाल में डालकर सूंघे,आराम मिलेगा।
 7. कुछ दिनों तक नहाने से पहले रोजाना सिर में प्याज का पेस्ट लगाएं, बाल सफेद से काले होने लगेंगे।
 8. चाय पत्ती के उबले पानी से बाल धोएं, इससे बाल कम गिरेंगे।
 9. बैंगन के भरते में शहद मिलाकर खाने से अनिद्रा रोग का नाश होता है। ऐसा शाम को भोजन में भरता बनाते समय करें।
10. संतरे के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर दिन में तीन बार एक-एक कप पीने से गर्भवती की दस्त की शिकायत दूर हो जाती हैं।
11. गले में खराश होने पर सुबह-सुबह सौंफ चबाने से बंद गला खुल जाता हैं।
12. सवेरे भूखे पेट तीन चार अखरोट की गिरियां निकालकर कुछ दिन खाने मात्र से ही घुटनों का दर्द समाप्त हो जाता हैं।
13. ताजा हरा धनिया मसलकर सूंघने से छींके आना बंद हो जाती हैं।
14. प्याज का रस लगाने से मस्सो के छोटे–छोटे टुकड़े होकर जड़ से गिर जाते हैं।
15. प्याज के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से उल्टियां आना तत्काल बंद हो जाती हैं।
16. गैस की तकलीफ से तुरंत राहत पाने के लिए लहसुन की 2 कली छीलकर 2 चम्मच शुद्ध घी के साथ चबाकर खाएं फौरन आराम होगा।
17. मसालेदार खाना खाएं मसालेदार खाना आपकी बंद नाक को तुरंत ही खोल देगा।
18. आलू का छिलका आपकी त्वचा पर ब्लीच की तरह काम करता है। इसे लगाने से आपकी काली पड़ी त्वचा का रंग सुधरता है।
इसलिए आज के बाद आलू के छिलके को फेके नहीं बल्कि उनका इस्तेमाल करें।
19. यदि आपको अकसर मुंह में छाले होने की शिकायत रहती है तो रोज़ाना खाना खाने के बाद गुड को चूसना ना भूलें। ऐसा करने से छाले आपसे बहुत दूर रहेंगे।
20. पतली छाछ में चुटकी भर सोडा डालकर पीने से पेशाब की जलन दूर होती है
21. प्याज और गुड रोज खाने से बालक की ऊंचाई बढती हैं।
22. रोज गाजर का रस पीने से दमें की बीमारी जड़ से दूर होती हैं।
23. खजूर गर्म पानी के साथ लेने से कफ दूर होता हैं।
24. एक चम्‍मच समुद्री नमक लें और अपनी खोपड़ी पर लगा लें। इसे अच्‍छी तरह से मसाज करें और ऐसा करते समय उंगलियों को गीला कर लें। बाद में शैम्‍पू लगाकर सिर धो लें। महीने में एक बार ऐसा करने से रूसी नहीं होगी।
25. अगर आपके नाखून बहुत कड़े हैं तो उन्‍हे काटने से पहले हल्‍के गुनगुने पानी में नमक डालकर, हाथों को भिगोकर रखें। और 10 मिनट बाद उन नाखूनों को काट दें। इससे सारे नाखून आसानी से कट जाएंगे।
26. शरीर में कहीं गुम चोट लग जाए या नकसीर आए तो बर्फ की सिकाई बहुत फायदेमंद होती हैं।
27. अगर कोई कीड़ा-मकोड़ा काट ले, तो तुरंत कच्चे आलू का एक पतला टुकड़ा काटकर उस पर नमक लगाकर कीड़े के काटे हुए स्थान पर 5-7 मिनट तक रगड़ें।जलन और दर्द गायब हो जाएगा।
28. बवासीर से छुटकारा पाने के लिए सुबह खाली पेट 2 आलू-बुखारे खाए
29. दांत के दर्द से छुटकारा पाने के लिए अदरक का छोटा सा टुकड़ा चबाएं। दर्द तुरंत दूर हो जाएगा....!!

इन उपायों को अपनाकर पायरिया दूर भगाएं

🔴– नींबू का रस मसूड़ों पर मलने से दांतों से निकलने वाला खून बंद हो जाता है।

🔴 – सुबह ब्रुश करने के बाद राई (सरसों) का तेल और नमक मिलाकर उंगली से दांतों व मसूड़ों की मालिश करनी चाहिए।

🔴 – बरगद, गूलर या पीपल में से किसी एक की बाहरी त्‍वचा (छाल) या उसकी कोमल डंठल लाकर उसका काढ़ा बना कर उससे गरारा करें। पायरिया में लाभ होगा।

🔴 – तिल के तेल को मुंह में दस-पन्‍द्रह मिनट तक रखकर गरारा करें। ऐसा करने से पायरिया में लाभ तो होता ही है साथ ही हिल रहे दांत भी मजबूत हो जाते हैं।

🔴– सरसों के तेल में नमक मिलाकर मलने से दांतों से निकलने वाला खून बंद हो जाता है।

🔴 – बबूल के कोयले के पाऊडर में नमक मिला कर मंजन करना चाहिए। पायरिया में लाभ होता है।

High B.p.

1.प्राणायाम, योग और ताई ची जैसी श्‍वास प्रक्रियायें तनाव को कम करने में मदद करती हैं। इससे भी रक्‍तचाप को कम करने में मदद मिलती है। सुबह शाम पांच से दस मिनट तक इन क्रियाओं को करना आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। 

2.आहार में पोटेशियम युक्‍त फलों और सब्जियों को शामिल करने से आप रक्‍तचाप को कम कर सकते हैं। यदि आप रोजाना 2 हजार से 4 हजार मिलीग्राम पोटेशियम का सेवन करने से आप स्‍वयं को उच्‍च रक्‍तचाप से दूर रख सकते हैं। शकरकंदी, टमाटर, संतरें का रस, आलू, केला, राजमा, नाशपति, किशमिश, सूखे मेवे और तरबूज आदि में पोटेशियम काफी मात्रा में होता है। 

3.नमक का अधिक सेवन करने से उच्‍च रक्‍त चाप का खतरा बढ़ जाता है। इसे कम करने के लिए आपको अपने भोजन में नमक की मात्रा कम करनी चाहिए। 

4.डार्क चॉकलेट में फ्लेनोल्‍ड होते हैं, जो रक्‍तवा‍हिनियों को अधिक लचीला बनाने में मदद करते हैं। एक शोध के अनुसार डार्क चॉकलेट का सेवन करने वाले 18 फीसदी लोगों ने रक्‍तचाप में कमी आने की बात कही। 

5.गुलहड़ की चाय पीने से उच्‍च रक्‍तचाप की समस्‍या से बचा जा सकता है। डेढ़-दो महीने इस चाय का सेवन करने से रक्‍तचाप को सात प्‍वाइंट तक नीचे लाने में मदद मिलती है।

Saturday, 6 January 2018

यूरिक एसिड कम करने के घरेलू उपाय

यूरिक एसिड कम करने के घरेलू उपाय

: दो से तीन अखरोट रोजाना खाली पेट खाने से बढ़ा हुआ  यूरिक एसिड कम होने लगता है. एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाकर एक गिलास हल्के गरम दूध के साथ पिए.गर्मियो में अश्वगंधा कम मात्रा में ले.
एक चम्मच अलसी के बीज भोजन के आधा घंटे बाद चबा कर खाने से भी आराम मिलता है. हाई यूरिक एसिड होने पर ये शरीर में क्रिस्टल जैसा बन जाता है, और शरीर में दूसरे अंगों में जमा होने लगता है.
आंवले का रस एलोवेरा जूस में मिलाकर पीने से भी फायदा मिलता है. यूरिक एसिड बढ़ जाने पर अगर गठिया हो गया है तो बथुए के पत्तों का जूस निकाल कर सुबह खाली पेट पिए और इसके दो घंटे बाद तक कुछ ना खाए पिए.

Friday, 5 January 2018

*तलवों की जलन*

*तलवों की जलन*

गर्मी के मौसम में कई बार पैरों के तलवों में भी जलन महसूस होने लगती है। कभी-कभ्री ये जलन बहुत अधिक बढ़ जाती है। इस समस्या को पैरेसथीसिया कहा जाता हैं।ये समस्या कम हो तो ठीक है, लेकिन यदि लंबे समय तक बनी रहे तो अपनाएं यहां बताए गए घरेलू उपाय।

🔴अदरकअदरक को कद्दूकस कर उसका रस निकाल लें। उस रस में थोड़ा सा जैतून तेल या नारियल तेल मिलाकर गुनगुना कर लें। इस मिश्रण से रोज सोने से पहले अपनी एड़ियों और तलवोंपर 10 मिनट के लिए मालिश करें।

🔴. मक्खनमक्खन और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर लगाने से हाथ और पैरों की जलन दूर हो जाती है।नोट-यह समस्या पैरों में खून का प्रवाह धीमा होने पर भी होती है और यह तब होता है जब उम्र के साथ साथ पैरों की नसें क्षतिग्रस्त या फिर कमज़ोर हो जाती हैं। ऐसे में चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

Tuesday, 2 January 2018

एलर्जी के रोगी

एलर्जी के रोगी
            
" एलर्जी " एक आम शब्द , जिसका प्रयोग हम कभी ' किसी ख़ास व्यक्ति से मुझे एलर्जी है ' के रूप में करते हैं. ऐसे ही हमारा शरीर भी ख़ास रसायन उद्दीपकों के प्रति अपनी असहज प्रतिक्रया को ' एलर्जी ' के रूप में दर्शाता है.

◆बारिश के बाद आयी धूप तो ऐसे रोगियों क़ी स्थिति को और भी दूभर कर देती है. ऐसे लोगों को अक्सर अपने चेहरे पर रूमाल लगाए देखा जा सकता है. क्या करें छींक के मारे बुरा हाल जो हो जाता है.

◆आजकल डस्ट से होने वाली एलर्जी सामान्य बन रही है। शुरुआत में इसे अवॉयड करने पर यह साइनस,दमा, अस्थमा,आंखों की एलर्जी औऱ स्किन एलर्जी में तब्दील हो सकती है।

●कैसे पहचाने एलर्जी------------
लगातार छीक आना, नाक से पानी बहना, नाक बंद होना,आंखे लाल और पानी आना, नाक गले तालू औऱ आंख में खुजली चलना, सीने में जकड़न,लगातार खाँसी आना, सांस लेते वक्त सीटी की आवाज आना।
शरीर पर चकते,खुजली, स्किन का बदरंग हो जाना,लाल या सफेद ददोरे होना,इत्यादि इसके सामान्य लक्षण होते हैं।

आयुर्वेदिक उपचार-----

लक्ष्मी विलास रस, अगस्त्य हरीतकी,सुवालीन, स्पेशल च्यवनप्राश, षड़बिन्दु तेल,अपामार्ग घृत, गिलोय सत्व, हरिद्रा खंड, टंकण,इत्यादि ओषधियों, का सेवन रोग की तीव्रता के अनुसार खिलाने से साइनस ,नजला, कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

✅  नमक पानी से ' कुंजल क्रिया ' एवं ' नेती क्रिया " कफ दोष को बाहर निकालकर पुराने से पुराने एलर्जी को दूर कने में मददगार होती है.

✅ पंचकर्म की प्रक्रिया ' नस्य ' का चिकित्सक के परामर्श से प्रयोग ' एलर्जी ' से बचाव ही नहीं इसकी सफल चिकित्सा है.

✅ प्राणायाम में ' कपालभाती ' का नियमित प्रयोग एलर्जी से मुक्ति का सरल उपाय है.।
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देशी गाय के घी से होने वाले लाभ*

💥.गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है। 

💥.हाथ पाव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ठीक होता है। 

💥.हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी। 

💥.गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।

💥गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है। 

💥.(20-25 ग्राम) घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है। 

💥.नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाताहै। 

💥.गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है। 

THE COW IS A WONDERFUL LABORATORY

अमेरिका के कृषि विभाग द्वारा प्रकाशित

THE COW IS A WONDERFUL LABORATORY ” के अनुसार प्रकृति ने समस्त जीव-जंतुओं और सभी दुग्धधारी जीवों में केवल गाय ही है जिसे ईश्वर ने 180 फुट (2160 इंच ) लम्बी आंत दी है जिसके कारण गाय जो भी खाती-पीती है वह अंतिम छोर तक जाता है |

लाभ :---  जिस प्रकार दूध से मक्खन निकालने वाली मशीन में जितनी अधिक गरारियां लगायी जाती है उससे उतना ही वसा रहित मक्खन निकलता है , इसीलिये गाय का दूध सर्वोत्तम है |

गो वात्सल्य :---  गौ माता बच्चा जनने के 18 घंटे तक अपने बच्चे के साथ रहती है और उसे चाटती है इसीलिए वह लाखो बच्चों में भी वह अपने वच्चे को पहचान लेती है जवकि भैंस और जरसी अपने बच्चे को नहीं पहचान पायेगी | गाय जब तक अपने बच्चे को अपना दूध नहीं पिलाएगी तब तक दूध नहीं देती है , जबकि भैस , जर्सी होलिस्टयन के आगे चारा डालो और दूध दुह लो | बच्चो में क्रूरता इसीलिए बढ़ रही है क्योकि जिसका दूध पी रहे है उसके अन्दर ममता नहीं है |

खीस :---  बच्चा देने के बाद  गाय के स्तन से जो दूध निकलता है उसे खीस, चाका, पेवस, कीला कहते है , इसे तुरंत गर्म करने पर फट जाता है | बच्चा देने के 15 दिनों तक इसके दूध में प्रोटीन की अपेक्षा खनिज तत्वों की मात्रा अधिक होती है , लेक्टोज , वसा ( फैट ) एवं पानी की मात्रा कम होती है | खीस वाले दूध में एल्व्युमिन दो गुनी , ग्लोव्लुलिन 12-15 गुनी तथा एल्युमीनियम की मात्रा 6 गुनी अधिक पायी जाती है | लाभ:- खीज में भरपूर खनिज है यदि काली गौ का दूध ( खीझ) एक हफ्ते पिला देने से वर्षो पुरानी टीबी ख़त्म हो जाती है |

सींग :---  गाय की सींगो का आकर सामान्यतः पिरामिड जैसा होता है , जो कि शक्तिशाली एंटीना की तरह आकाशीय उर्जा ( कोस्मिक एनर्जी ) को संग्रह करने का कार्य सींग करते है |

गाय का ककुद्द ( ढिल्ला ) :---  गाय के कुकुद्द में सूर्यकेतु नाड़ी होती है जो सूर्य से अल्ट्रावायलेट किरणों को रोकती है , गाये के 40 मन दूध में लगभग 10 ग्राम सोना पाया जाता है जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढती है इसलिए गाय का घी हलके पीले रंग का होता है |

गाय का दूध :---  गाय के दूध के अन्दर जल 87 % वसा 4 %, प्रोटीन 4% , शर्करा 5 % , तथा अन्य तत्व 1 से 2 % प्रतिशत पाया जाता है | गाय के दूध में 8 प्रकार के प्रोटीन , 11 प्रकार के विटामिन्स , गाय के दूध में ‘ कैरोटिन ‘ नामक प्रदार्थ भैस से दस गुना अधिक होता है | भैस का दूध गर्म करने पर उसके पोषक ज्यादातर ख़त्म हो जाते है परन्तु गाय के दूध के पोषक तत्व गर्म करने पर भी सुरक्षित रहता है |

गाय का गोमूत्र :--- गाय के मूत्र में आयुर्वेद का खजाना है , इसके अन्दर ‘ कार्बोलिक एसिड ‘ होता है जो कीटाणु नासक है , गौ मूत्र चाहे जितने दिनों तक रखे ख़राब नहीं होता है इसमें कैसर को रोकने वाली ‘ करक्यूमिन ‘ पायी जाती है | गौ मूत्र में नाइट्रोजन ,फास्फेट, यूरिक एसिड , पोटेशियम , सोडियम , लैक्टोज , सल्फर, अमोनिया, लवण रहित विटामिन ए वी सी डी ई , इन्जैम आदि तत्व पाए जाते है | देसी गाय के गोबर-मूत्र-मिश्रण से ‘ प्रोपिलीन ऑक्साइड ” उत्पन्न होती है जो बारिस लाने में सहायक होती है | इसी के मिश्रण से ‘ इथिलीन ऑक्साइड ‘ गैस निकलती है जो ऑपरेशन थियटर में काम आता है |
गौ मूत्र में मुख्यतः 16 खनिज तत्व पाये जाते है जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढाता है |

गाय का शरीर :--- गाय के शरीर से पवित्र गुग्गल जैसी सुगंध आती है जो वातावरण को शुद्ध और पवित्र करती है | जननी जनकार दूध पिलाती , केवल साल छमाही भर | गोमाता पय-सुधा पिलाती , रक्षा करती जीवन भर ।