Wednesday, 7 March 2018

अनुलोम-विलोम प्राणायाम


अनुलोम-विलोम प्राणायाम
अन्य नाम
इस प्राणायाम में सांस नासिका की मदद से नियंत्रित की जाती है। यह एकाग्रता और विचारों के उच्च स्तर को पाने में मन को प्रोत्साहित करता है। भौतिक शरीर को अधिक ऊर्जा और ऑक्सीजन देता है और अपने तंत्रिकाओं को शांत और रक्त परिसंचरण में सुधार में मदद करता है।
कैसे करें ??
•अंगूठे के साथ अपने दाहिनी नासिका पकडिये और बाईं नासिका से सांस लीजिए।
•अब अनामिका अंगुली से बाईं नासिका को बंद करो और दाहिनी नासिका खोलिए और सांस बाहर छोडिये। अब दाहिनी नासिका से ही सांस लीजिए।
•फिर बाईं नासिका खोलिए और सांस बाहर छोडिये। जिस नासिका से सांस बाहर छोड़ते हैं उसी से अंदर लेना है |
लाभ:
दिल की समस्याएं, उच्च रक्तचाप, तुला स्नायुबंधन, पक्षाघात, तंत्रिका संबंधित, अवसाद, माइग्रेन, अस्थमा, साइनस, एलर्जी अनुलोम-विलोम से ठीक किया जा सकता है।
सावधानिया:
यदि आप पहली बार ऐसा कर रहे हैं तो यह आराम से और थोडा किया जाना चाहिए।
उच्च रक्तचाप के मरीजों को सांस थामे रखने से बचना चाहिए।

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