Yog is the life style, It is every where in our life. Yog touches our body and mind. Now people not care there body so they are losing there energy frequently. Yog regenerate your energy and gives you power either mentally or physically. I am the Yog Trainer and counselor lives in Surat Gujrat in your service.
Saturday, 22 October 2016
Wednesday, 19 October 2016
माईग्रेन (आधे सिर का दर्द)
माईग्रेन (आधे सिर का दर्द)
परिचय-
माइग्रेन आधे सिर में दर्द होने को कहते हैं। माइग्रेन रोग में सिर में तेज दर्द होने के कारण व्यक्ति को बहुत से कष्टों का सामना करना पड़ता है। यह रोग पुरुषों से ज्यादा स्त्रियों में होता है। इस प्रकार का दर्द सिर में 2 घंटे से लेकर 2 दिन तक बना रहता है।
कारण-
माइग्रेन रोग होने के कारणों को तो ठीक-ठाक से नहीं कहा जा सकता है लेकिन ऐसा माना जाता है कि सिर की रक्त वाहिकाओं की संवेदना में कुछ परिवर्तन हो जाने के कारण यह रोग होता है। वैसे यह रोग आनुवंशिक भी हो सकता है। यह रोग कई प्रकार के खट्टे पदार्थों को खाने से भी हो सकता है। चॉकलेट, दूध से बने पदार्थ तथा रेड वाइन जैसे पदार्थों का सेवन करने के कारण भी यह रोग हो सकता है। स्त्रियों में यह रोग होने का कारण ज्यादातर मासिकधर्म में खराबी तथा गर्भनिरोधक गोलियों का अधिक सेवन करना होता है।
लक्षण-
इस रोग में रोगी के सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है। कभी-कभी तो यह दर्द इतना तेज होता है कि व्यक्ति को इसका कष्ट सहन नहीं हो पाता है। वैसे इस रोग के साथ-साथ रोगी में कुछ और भी लक्षण दिखाई देते है जैसे- जी मिचलाना, आंखों से कम दिखाई देना, उल्टियां आना आदि। कभी-कभी तो रोगी में आंखों से धुधंला दिखने की या आंशिक अंधेपन की अवस्था भी पैदा हो जाती है। इसके और भी कई लक्षण हैं जैसे- बेचैनी, चक्कर आना और आंख, कान या गाल पर तेज दर्द होना आदि। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को कभी-कभी आंखों से पानी आना, नाक बंद होना और प्रभावित भाग में लालिमा होना जैसे लक्षण भी प्रकट होते हैं।
उपचार-
जब किसी व्यक्ति को माइग्रेन का तेज दर्द हो रहा हो तो उसे सबसे पहले शांत तथा अंधरे कमरे में लेट जाना चाहिए। इससे रोगी का मन हल्का हो जाता है और उसे कुछ आराम मिलता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को उचित डाक्टरी सलाह लेकर अपना इलाज कराना चाहिए। इस रोग का इलाज एक्यूप्रेशर चिकित्सा द्वारा आसानी से किया जा सकता है। इसलिए रोगी को डाक्टर के परामर्श अनुसार एक्यूप्रेशर चिकित्सा से इलाज कराना चाहिए।

Tuesday, 18 October 2016
Monday, 17 October 2016
Saturday, 15 October 2016
Friday, 14 October 2016
योग से आशय
योग से आशय:-)
आप अगर हर रोज योग करना.... ना सिर्फ आपको शारीरिक रुप से फिट रखता है; बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। योग से जहां एक तरफ आप शारीरिक समस्याओं पर काबू पा सकते हैं वहीं इसमें दिमागी समस्याओं को दूर करने की भी क्षमता होती है। तो आप नियमित रूप से योग को अपने जीवन में शामिल करेगें;; तब आप को लगेगा की वास्तव मे योग ही जिन्दगी का चरम सुख का साधन है।
🌻सम्यक योग परिवार सूरत गुजरात🌻
Thursday, 13 October 2016
Astang yog
(1) यम :- 5
१ अहिंसा
२ सत्य
३ अस्तेय
४ ब्रह्मचयृ
५ अपरिगृह
(2) नियम :- 5
१ शौच
२ संतोष
३ तप
४ स्वाध्याय
५ ईश्बर प्राणिधान
(3.) आसन:-
आसन का सर्वप्रथम उद्देश्य तो स्थिर होकर कुछ घण्टे बैठ सकने का अभ्यास है।
दूसरा उद्देश्य शारीरिक अंगो और नस- नाड़ियों का ऐसा अभ्यास करना है , जिससे उनके दोष निकल कर कार्यक्षमता की वृध्दि हो सके ।
(4.) प्राणायाम🕉:
यम-नियमों द्वारा अन्तः चेतना की सफाई के साथ - साथ, शरीर व मन को बलवान बनाने के लिए आसन , प्राणायाम की क्रिया सम्पन्न की जाती है ।
(5.) प्रत्याहार🕉:-
प्रत्याहार का अर्थ है - उगलना
अपने कुविचारो, कुसंस्कारों , दुःस्वभावों दुर्गुणो को निकाल बाहर करना ।
महान सम्पदा के स्वागतार्थ योग्य मनोभूमि का निर्माण।
आँख आदि इन्द्रियाँ अपने-अपने विषयों की ओर भागती है, उनको वहाँ से रोकना प्रत्याहार हे।
🕉(6.) धारणा🕉:-
धारणा का तात्पर्य उस प्रकार के धारण करने से है ।
जिनके द्वारा मनोवाँछित स्थिति प्राप्त होती है ।
हम अपने ईष्ट की धारणा करे तो ; उनके गुण हमारे व्यवहार एंव जीवन मे उत्पन्न होने लगते हैं।
(7.) 🕉ध्यान🕉:-
ध्यान का तात्पर्य है , चिन्तन को एक ही प्रवाह मे बहने देना।
उसे अस्त व्यस्त उड़ानो मे भटकने में रोकना।
किसी एक ही लक्ष्य पर कुछ समय विचार करना।
नियत विषय में अधिकाधिक मनोयोग के साथ जुट जाना, तत्पर हो जाना, सारी सूध-बूध भुलाकर उसी में निमग्न हो जाना ध्यान है।
(8.) समाधि :-
जब किसी बात पर भली प्रकार निर्विकल्प रूप से चित्त जम जाता है, तब अवस्था को समाधी कहा जाता है।
इस स्थिति मे विरारी मन अपनी सारी चञ्चलता के साथ एक गाढी निद्रा मे चला जाता है।
Monday, 10 October 2016
Knee problem
*अपने घुटने कभी मत बदलिये (Do Not Replace Your joint*). --------------------------------
५० साल के बाद धीरे धीरे शरीर के जोडो मे से लुब्रीकेन्टस एवं केल्शियम बननां कम हो जातां है.जिसके कारण जोडो का दर्द, गैप, केल्शियम की कमी प्रोब्लम्स सामने आती है, जिसके चलते आधुनिक चिकित्सा आपको जोइन्ट रिप्लेस करने की सलाह देते है, तो कई आथिॅक रुप से समृद्ध लोग यह मानते हे की हमारे पास तो बहुत पेसे हे तो घुटना चेंज करवा लेते है.
किंतु क्यां आपको पता है जो चीज कुदरत ने हमे दी हे वो आधुनिक विज्ञान या तो कोई भी सायन्स नही बना सकती, आप *कृत्रिम जोइन्ट फिट करवा कर थोडे समय *२-४ साल तक ठीक हो सकते है* लेकिन बाद मे आपको बहुत ही तकलीफ होगी.जोइन्ट रिप्लेसमेंट का सटिक इलाज आज मे आपको बता रहा हू वो आप नोट कर लिजिये, आैर हा ऐसे हजारो जरुरतमंद लोगो तक पहुचाये जो रिप्लेसमेंट के लाखो रुपये खर्च करने मे असमर्थ है.
*बबूल* के वृक्ष को तो आपने जरुर देखा होगा.यह भारत मे हर जगह बिनां लगाये ही अपने आप खडा हो जातां है, अगर यह बबूल नाम का वृक्ष अमेरिका या विदेशाे मे होता तो आज वहा के लोग इनकी दवाई बनाकर हमसे हजारो रुपये लुटते.लेकिन भारत के लोगो को जो चीज मुफ्त मे मिलती है उनकी कोई कदर नही है.
प्रयोग इस प्रकार करनां है
*बबूल* के पेड पर जो *फली ( फल)* आती है उसको तोडकर लेकर आये, आपको सिटी मे नही मिल रहे तो किसी गांव जाये वहा जितने चाहिये उतने मिल जायेगें, उसको सुखाकर पाउडर बनाले. आैर *सुबह १ चम्मच* की मात्रा मे गुनगुने पानी से खाने के बाद ,केवल 2-3 महिने सेवन करने से आपके घुटने का दर्द बिल्कुल ठिक हो जायेगा. आपको घुटने बदलने की जरुरत नही पडेगी.
इस मेसेज को हर एक भारतीय एवं हरएक घुटने के दर्द से पिडित व्यक्ति तक पहुचाये ताकी किसी गरिबो के लाखो रुपये बच जाये.
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