सिर के रोगः
नहाने से पहले हमेशा 5 मिनट तक मस्तक के मध्य तालुवे पर किसी श्रेष्ठ तेल (नारियल, सरसों, तिल्ली, ब्राह्मी, आँवला, भृंगराज) की मालिश करो।
इससे स्मरणशक्ति और बुद्धि का विकास होगा। बाल काले, चमकीले और मुलायम होंगे।
विशेषः
रात को सोने से पहले कान के पीछे की नाड़ियों, गर्दन के पीछे की नाड़ियों और सिर के पिछले भाग पर हल्के हाथों से तेल की मालिश करने से चिंता, तनाव और मानसिक परेशानी के कारण सिर के पिछले भाग और गर्दन में होने वाला दर्द तथा भारीपन मिटता है।
नेत्रज्योतिः
नित्य प्रातः सरसों के तेल से पाँव के तलवों और उँगलियों की मालिश करने से आँखों की ज्योति बढ़ती है। सबसे पहले पाँव के अँगूठों को तेल से तर करके उनकी मालिश करनी चाहिए। इससे किसी प्रकार का नेत्ररोग नहीं होता और आँखों की रोशनी तेज होती है।
साथ ही पैर का खुरदरापन, रूखापन तथा पैर की सूजन शीघ्र दूर होती है। पैर में कोमलता तथा बल आता है।
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