आयुर्वेद के इन नियमों को जीवन में अपनाएं और निरोगी रहें..
अगर आप इन नियमो का पालन पूरी ईमानदारी से अपनी ज़िंदगी मे करे तो मात्र कुछ नियम ही बीमारियाँ को आपकी ज़िंदगी से दूर रख सकते हैं ...
●सुबह के समय पानी पियें
सबसे पहले सुबह उठते ही हल्का गर्म 2 से 3 गिलास पानी पिये, बल्कि पानी हमेशा बैठ कर पिये और घूट घूट करके पिये, पानी को घूट घूट कर पीना इसलिए जरूरी है क्यूंकि सुबह की जो मुंह की लार है इसमे ओषधिए गुण बहुत है इसलिए ये लार पेट मे जानी चाहिए और वो तभी संभव है जब आप पानी बिलकुल घूट घूट कर मुंह मे घूमा कर पिएंगे, पानी पीने के बाद दूसरा काम पेट साफ करने का है और सुबह के समय शोचालय जरूर जाये क्यूंकि पेट का सही ढंग से साफ न होना अनगिनत बीमारियो की जड़ है |
खाने के बाद क्या करें और क्या न करें.
एक बात अवश्य ध्यान रखें कि खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पीने के बराबर है और हमेशा डेड़ घंटे बाद ही पानी पीएं . खाना खाने के बाद अगर कुछ पी सकते हैं तो – छाछ (लस्सी)
सुबह खाने के बाद अगर कुछ पीना है तो हमेशा जूस पिये . बाद में दोपहर को दहीं खाये या लस्सी पिये और दूध हमेशा रात को पिये . कभी भी इन तीनों के क्रम को उल्टा पुलटा न करे . मतलब फल सुबह ही खाएं दोपहर से पहले, दहीं दोपहर को और दूध रात को।
रिफाइंड तेल की जगह गाय का शुद्ध घी या सरसों का तेल
विशेष तौर पर ध्यान रखें कि खाने के तेल मे भूल कर भी रिफाइंड तेल का प्रयोग न करे ( वो चाहे किसी भी कंपनी का क्यू न हो ) क्यूंकि ये सेहत के लिए बहुत ही घातक है . इसलिए मात्र सरसों के तेल का प्रयोग करे या देशी गाय के दूध का शुद्ध घी खाएं . याद रखें कि शुद्ध सरसों के तेल की पहचान है मुंह पर लगाते ही एक दम जलेगा और खाना बनाते समय आंखो मे हल्की जलन होगी .
चीनी, नमक और सेहत
अगर आप चीनी का प्रयोग कर रहे हैं तो तुरंत बंद कर दीजिये और केवल गुड खाना का प्रयोग करे या शक्कर खाये . चीनी बहुत बीमारियो की जड़ है और धीमे जहर समान है . नमक के लिए खाने मे हमेशा सेंधा नमक या काला नमक का ही प्रयोग करे और आयोडिन युक्त नमक कभी न खाएं .
सुबह का भोजन
सूर्य उदय होने के 2 से 3 घंटे तक सुबह का भोजन कर लीजिये क्यूंकि इस दौरान जठराग्नि सबसे तेज होती है . ये भी ध्यान रखें कि सुबह का खाना हमेशा भर पेट खाएं क्यूंकि सुबह के खाने मे पेट से ज्यादा मन संतुष्टि होना जरूरी है और इसलिए अपनी मनपसंद वस्तु सुबह खाएं . अगर खाने के तुरंत बाद आलस्य है तो ठीक 20 मिनट के लिए बायें लेट जाएँ और अगर शरीर मे आलस्य ज्यादा है तो 40 मिनट मगर इससे ज्यादा नहीं .
दोपहर और रात का भोजन
दोपहर को खाना खाने के बाद भी 20 मिनट के लिए बायें लेट सकते हैं और अगर शरीर मे आलस्य ज्यादा है तो 40 मिनट मगर इससे ज्यादा ठीक नहीं . वहीं रात को खाना खाने के तुरंत बाद नहीं सोना और खाने के बाद बाहर सैर करने जाएँ ( कम से कम 500 कदम ) और रात को खाना खाने के कम से कम 2 घंटे बाद ही सोएँ . अगर आस्तिक हैं तो एक नियम और माने (ब्रह्मचारी है.. विवाह के बंधन मे नहीं बंधे ) तो हमेशा सिर पूर्व दिशा की और करके सोएँ . ब्रह्मचारी नहीं है तो हमेशा सिर दक्षिण की तरफ करके सोएँ . उत्तर और पश्चिम की तरफ कभी सिर मत करके सोएँ .
मैदे से बनी खाने की चीज़ों का तुरंत त्याग करें..
सेहत के लिए मैदे से बनी चीजे पीज़ा, बर्गर, आदि न खाएं क्यूंकि ये सब मेदे को सड़ा कर बनती है और कब्ज का बहुत बड़ा कारण है . और पेट खराब होने से अनगिनत बीमारियाँ अपने आप आ जाती हैं .
तो इन सब नियमो का अगर पूरी ईमानदारी से प्रयोग करेंगे तो मात्र 1 से 2 महीने मे ऐसा लगेगा पूरी जिंदगी बदल गई है मोटापा कम हो जाएगा,
high BP, cholesterol सब level पर आना शुरू हो जाएगा, HDL बढ्ने लगेगा और भी बहुत से बदलाव आप देखेंगे ।
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