Friday, 25 May 2018

बढ़ती उम्र पर जॉर्ज कार्लिन की सलाह कैसे बने रहें - चिरयुवा

1. फालतू की संख्याओं को दूर फेंक आइए। जैसे- उम्र, वजन, और लंबाई। इसकी चिंता डॉक्टर को करने दीजिए। इस बात के लिए ही तो आप उन्हें पैसा देते हैं।
2. केवल हँसमुख लोगों से दोस्ती रखिए। खड़ूस और  चिड़चिड़े लोग तो आपको नीचे गिरा देंगे।
3. हमेशा कुछ सीखते रहिए। इनके बारे में कुछ और जानने की कोशिश करिए - कम्प्यूटर, शिल्प, बागवानी, आदि कुछ भी। चाहे रेडियो ही। दिमाग को निष्क्रिय न रहने दें। खाली दिमाग शैतान का घर होता है और उस शैतान के परिवार का नाम है - अल्झाइमर मनोरोग।
4. सरल व साधारण चीजों का आनंद लीजिए।
5. खूब हँसा कीजिए - देर तक और ऊँची आवाज़ में।
6. आँसू तो आते ही हैं। उन्हें आने दीजिए, रो लीजिए, दुःख भी महसूस कर लीजिए और फिर आगे बढ़ जाइए। केवल एक व्यक्ति है जो पूरी जिंदगी हमारे साथ रहता है - वो हैं हम खुद। इसलिए जबतक जीवन है तबतक 'जिन्दा' रहिए।
7. अपने इर्द-गिर्द वो सब रखिए जो आपको प्यारा लगता हो - चाहे आपका परिवार, पालतू जानवर, स्मृतिचिह्न-उपहार, संगीत, पौधे, कोई शौक या कुछ भी। आपका घर ही आपका आश्रय है।
8. अपनी सेहत को संजोइए। यदि यह ठीक है तो बचाकर रखिए, अस्थिर है तो सुधार करिए, और यदि असाध्य है तो कोई मदद लीजिए।
9. अपराध-बोध की ओर मत जाइए। जाना ही है तो किसी मॉल में घूम लीजिए, पड़ोसी राज्यों की सैर कर लीजिए या विदेश घूम आइए। लेकिन वहाँ कतई नहीं जहाँ खुद के बारे में खराब लगने लगे।
10. जिन्हें आप प्यार करते हैं उनसे हर मौके पर बताइए कि आप उन्हें चाहते हैं; और हमेशा याद रखिए  कि जीवन की माप उन साँसों की संख्या से नहीं होती जो हम लेते और छोड़ते हैं बल्कि उन लम्हों से होती है जो हमारी सांस लेकर चले जाते हैं

हमें प्रतिदिन का जीवन भरपूर तरीके से जीने की आवश्यकता है।

जीवन की यात्रा का अर्थ यह नहीं कि अच्छे से बचाकर रखा हुआ आपका शरीर सुरक्षित तरीके से श्मशान या कब्रगाह तक पहुँच जाय। बल्कि आड़े-तिरछे फिसलते हुए, पूरी तरह से इस्तेमाल होकर, सधकर, चूर-चूर होकर यह चिल्लाते हुए पहुँचो - वाह यार, क्या यात्रा थी!

*प्रकृति का कालचक्र नियम देखिए*
1~ बचपन:- समय है, शक्ति है,
      लेकिन पैसा नहीं है ..
2~ युवावस्था:- शक्ति है, पैसा है,
      लेकिन समय नहीं है ..
3~ बुढ़ापा:- पैसा है, समय है,
      लेकिन शक्ति नहीं है ..     
*प्रकृति का कोई जबाब नहीं इसलिए प्रतिदिन हर्ष .. उल्लास .. और खुशी*
*में जीवन बिताएं।*
       
*• गौतम बुद्ध के सुविचार •*
.... जो गुजर गया उसके बारे में मत सोचो और भविष्य के सपने मत देखो केवल वर्तमान पे ध्यान केंद्रित करो ।
.... आप पूरे ब्रह्माण्ड में कहीं भी ऐसे व्यक्ति को खोज लें जो आपको आपसे ज्यादा प्यार करता हो, आप पाएंगे कि जितना प्यार आप खुद से कर सकते हैं उतना कोई आपसे नहीं कर सकता।
            
.... स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतोष सबसे बड़ा धन और विश्वास सबसे अच्छा संबंध।
             
.... हमें हमारे अलावा कोई और नहीं बचा सकता, हमें अपने रास्ते पे खुद चलना है।
           
.... तीन चीज़ें ज्यादा देर तक नहीं छुपी रह सकतीं – सूर्य, चन्द्रमा और सत्य
              
.... आपका मन ही सब कुछ है, आप जैसा सोचेंगे वैसा बन जायेंगे ।
             

.... अपने शरीर को स्वस्थ रखना भी एक कर्तव्य है, अन्यथा आप अपनी मन और सोच को अच्छा और साफ़ नहीं रख पाएंगे ।
              

.... हम अपनी सोच से ही निर्मित होते हैं, जैसा सोचते हैं वैसे ही बन जाते हैं। जब मन शुद्ध होता है तो खुशियाँ परछाई की तरह आपके साथ चलती हैं ।
             ... किसी परिवार को खुश, सुखी और स्वस्थ रखने के लिए सबसे जरुरी है अनुशासन और मन पर नियंत्रण अगर कोई व्यक्ति अपने मन पर नियंत्रण कर ले तो उसे आत्मज्ञान का रास्ता मिल जाता है ।
                .. क्रोध करना एक गर्म कोयले को दूसरे पे फैंकने के समान है जो पहले आपका ही हाथ जलाएगा ।
              .. जिस तरह एक मोमबत्ती की लौ से हजारों मोमबत्तियों को जलाया जा सकता है फिर भी उसकी रौशनी कम नहीं होती उसी तरह एक दूसरे से खुशियाँ बांटने से कभी खुशियाँ कम नहीं होतीं ।
              .... इंसान के अंदर ही शांति का वास होता है, उसे बाहर ना तलाशें ।
              ... आपको क्रोधित होने के लिए दंड नहीं दिया जायेगा, बल्कि आपका क्रोध खुद आपको दंड देगा ।
            ... हजारों लड़ाइयाँ जितने से बेहतर है कि आप खुद को जीत लें, फिर वो जीत आपकी होगी जिसे कोई आपसे नहीं छीन सकता ना कोई स्वर्गदूत और ना कोई राक्षस ।
            .... जिस तरह एक मोमबत्ती बिना आग के खुद नहीं जल सकती उसी तरह एक इंसान बिना आध्यात्मिक जीवन के जीवित नहीं रह सकता ।
           .... निष्क्रिय होना मृत्यु का एक छोटा रास्ता है, मेहनती होना अच्छे जीवन का रास्ता है, मूर्ख लोग निष्क्रिय होते हैं और बुद्धिमान लोग मेहनती ।
          ... हम जो बोलते हैं अपने शब्दों को देखभाल के चुनना चाहिए कि सुनने वाले पे उसका क्या प्रभाव पड़ेगा,
अच्छा या बुरा ।
.... आपको जो कुछ मिला है उस पर घमंड ना करो और ना ही दूसरों से ईर्ष्या करो, घमंड और ईर्ष्या करनेवाले लोगों को कभी मन की शांति नहीं मिलती ।
.... अपनी स्वयं की क्षमता से काम करो, दूसरों pr निर्भर मत रहो ।
..... असल जीवन की सबसे बड़ी विफलता है हमारा असत्यवादी होना ।

Thursday, 24 May 2018

Posstive thought

जीवन में वो ही व्यक्ति असफल होते है, जो सोचते है पर करते नहीं ।
1:-"परिवर्तन कभी भी पीड़ादायक नहीं होता, केवल परिवर्तन का विरोध पीड़ादायक होता है।
2:- सफलता का आधार है सकारात्मक सोच और निरंतर प्रयास !!!
3:- अतीत के ग़ुलाम नहीं बल्कि भविष्य के निर्माता बनो…
4 :- अतीत के ग़ुलाम नहीं बल्कि भविष्य के निर्माता बनो…
5 :- मेहनत इतनी खामोशी से करो की सफलता शोर मचा दे…
6 :- कामयाब होने के लिए अकेले ही आगे बढ़ना पड़ता है, लोग तो पीछे तब आते है जब हम कामयाब होने लगते है.
7 :- छोड़ दो किस्मत की लकीरों पे यकीन करना, जब लोग बदल सकते हैं तो किस्मत क्या चीज़ है…
8 :- यदि हार की कोई संभावना ना हो तो जीत का कोई अर्थ नहीं है…
9 :- समस्या का नहीं समाधान का हिस्सा बने…
10 :- जिनको सपने देखना अच्छा लगता है उन्हें रात छोटी लगती है और जिनको सपने पूरा करना अच्छा लगता है उनको दिन छोटा लगता है…
11 :- आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदतें बदल सकते है और निशचित रूप से आपकी आदतें आपका भविष्य बदल देगी !
12 :- एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जानें के बाद दूसरा सपना देखने के हौसले को ज़िंदगी कहते है !!!
13 :- वो सपने सच नहीं होते जो सोते वक्त देखें जाते है, सपने वो सच होते है जिनके लिए आप सोना छोड़ देते है…
14 :- सफलता का चिराग परिश्रम से जलता है !!!
15 :- जिनके इरादे बुलंद हो वो सड़कों की नहीं आसमानो की बातें करते है…
16 :- सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं…
17 :- मैं तुरंत नहीं लेकिन निश्चित रूप से जीतूंगा…
18 :- सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगें लोग…
19 :- आशावादी हर आपत्तियों में भी अवसर देखता है और निराशावादी बहाने !!!
20 :- आप में शुरू करने की हिम्मत है तो, आप में सफल होने के लिए भी हिम्मत है…
21 :- सच्चाई वो दिया है जिसे अगर पहाड़ की चोटी पर भी रख दो तो बेशक रोशनी कम करे पर दिखाई बहुत दूर से भी देता है.
22 :- संघर्ष में आदमी अकेला होता है, सफलता में दुनिया उसके साथ होती है ! जिस जिस पर ये जग हँसा है उसी उसी ने इतिहास रचा है.
23 :- खोये हुये हम खुद है और ढूढ़ते ख़ुदा को है !!!
24 :- कामयाब लोग अपने फैसले से दुनिया बदल देते है और नाकामयाब लोग दुनिया के डर से अपने फैसले बदल लेते है…
25 :- भाग्य को और दूसरों को दोष क्यों देना जब सपने हमारे है तो कोशिशें भी हमारी होनी चाहियें !!!
26 :- यदि मनुष्य सीखना चाहे तो उसकी प्रत्येक भूल उसे कुछ न कुछ सिखा देती है !!!
27 :- झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते है तरक्की के बाज़ की उड़ान में कभी आवाज़ नहीं होती…
28 :- समस्या का सामना करें, भागे नहीं, तभी उसे सुलझा सकते हैं…
29 :- परिवर्तन से डरना और संघर्ष से कतराना मनुष्य की सबसे बड़ी कायरता है.
30 :- सुंदरता और सरलता की तलाश चाहे हम सारी दुनिया घूम के कर लें लेकिन अगर वो हमारे अंदर नहीं तो फिर सारी दुनिया में कहीं नहीं है.
31 :- ना किसी से ईर्ष्या ना किसी से कोई होड़, मेरी अपनी मंज़िलें मेरी अपनी दौड़…
32 :- ये सोच है हम इंसानों की कि एक अकेला क्या कर सकता है, पर देख ज़रा उस सूरज को वो अकेला ही तो चमकता है !!!
33 :- लगातार हो रही सफलताओं से निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि कभी कभी गुच्छे की आखिरी चाबी भी ताला खोल देती है…
34 :- जल्द मिलने वाली चीजें ज्यादा दिन तक नहीं चलती और जो चीजें ज्यादा दिन तक चलती है वो जल्दी नहीं मिलती है.
35 :- इंसान तब समझदार नहीं होता जब वो बड़ी बड़ी बातें करने लगे, बल्कि समझदार तब होता है जब वो छोटी छोटी बातें समझने लगे…
36 :- सेवा सभी की करना मगर आशा किसी से भी ना रखना क्योंकि सेवा का वास्तविक मूल्य नही दे सकते है,
37 :- मुश्किल वक्त का सबसे बड़ा सहारा है “उम्मीद” !! जो एक प्यारी सी मुस्कान दे कर कानों में धीरे से कहती है “सब अच्छा होगा” !!
38 :- दुनिया में कोई काम असंभव नहीं, बस हौसला और मेहनत की जरुरत है !!!
39 :- वक्त आपका है चाहे तो सोना बना लो और चाहे तो सोने में गुजार दो, दुनिया आपके उदाहरण से बदलेगी आपकी राय से नहीं…
40 :- बदलाव लाने के लिए स्वयं को बदले…
41 :- सफल व्यक्ति लोगों को सफल होते देखना चाहते है, जबकि असफल व्यक्ति लोगों को असफल होते देखना चाहते है…
42 :- घड़ी सुधारने वाले मिल जाते है लेकिन समय खुद सुधारना पड़ता है !!!
43 :- दुनिया में सब चीज मिल जाती है केवल अपनी ग़लती नहीं मिलती…
44 :- क्रोध और आंधी दोनों बराबर… शांत होने के बाद ही पता चलता है की कितना नुकसान हुवा…
45 :- चाँद पे निशान लगाओ, अगर आप चुके तो सितारों पे तो जररू लगेगा !!!
46 :- गरीबी और समृद्धि दोनों विचार का परिणाम है…
47 :- पसंदीदा कार्य हमेशा सफलता, शांति और आनंद ही देता है…
48 :- जब हौसला बना ही लिया ऊँची उड़ान का तो कद नापना बेकार है आसमान का…
49 :- अपनी कल्पना को जीवन का मार्गदर्शक बनाए अपने अतीत को नहीं…
50 :- समय न लागओ तय करने में आपको क्या करना है, वरना समय तय कर लेगा की आपका क्या करना है.
51 :- अगर तुम उस वक्त मुस्कुरा सकते हो जब तुम पूरी तरह टूट चुके हो तो यकीन कर लो कि दुनिया में तुम्हें कभी कोई तोड़ नहीं सकता !!!
52 :- कल्पना के बाद उस पर अमल ज़रुर करना चाहिए। सीढ़ियों को देखते रहना ही पर्याप्त नहीं है, उन पर चढ़ना भी ज़रुरी है।
53 :- हमें जीवन में भले ही हार का सामना करना पड़ जाये पर जीवन से कभी नहीं हारना चाहिए…
54 :- सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो जिन्हें छत तक जाना है, मेरी मंज़िल तो आसमान है रास्ता मुझे खुद बनाना है !!!
55 :- हजारों मील के सफ़र की शुरुआत एक छोटे कदम से होती है…
56 :- मनुष्य वही श्रेष्ठ माना जाएगा जो कठिनाई में अपनी राह निकालता है ।
57 :- पुरुषार्थ से असंभव कार्य भी संभव हो जाता है…
58 :- प्रतिबद्ध मन को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है, पर अंत में उसे अपने परिश्रम का फल मिलेगा ।
59 :- असंभव समझे जाने वाला कार्य संभव करके दिखाये, उसे ही प्रतिभा कहते हैं ।
60 :- आने वाले कल को सुधारने के लिए बीते हुए कल से शिक्षा लीजिए…
61 :- जो हमेशा कहे मेरे पास समय नहीं है, असल में वह व्यस्त नहीं बल्कि अस्त-व्यस्त है ।
62 :- कठिनाइयाँ मनुष्य के पुरुषार्थ को जगाने आती हैं…
63 :- क्रोध वह हवा है जो बुद्धि के दीप को बुझा देती है ।
64 :- आपका भविष्य उससे बनता है जो आप आज करते हैं, उससे नहीं जो आप कल करेंगे…
65 :- बन सहारा बे सहारों के लिए बन किनारा बे किनारों के लिए, जो जिये अपने लिए तो क्या जिये जी सको तो जियो हजारों के लिए ।
66 :- चाहे हजार बार नाकामयाबी हो, कड़ी मेहनत और सकारात्मक सोच के साथ लगे रहोगे तो अवश्य सफलता तुम्हारी है…
67 :- खुद की तरक्की में इतना समय लगा दो, कि किसी और की बुराई का वक्त ही ना मिले !!!
68 :- प्रगति बदलाव के बिना असंभव है, और जो अपनी सोच नहीं बदल सकते वो कुछ नहीं बदल सकते…
69 :- खुशी के लिए काम करोगे तो ख़ुशी नहीं मिलेगी, लेकिन खुश होकर काम करोगे, तो ख़ुशी और सफलता दोनों ही मिलेगी ।
70 :- पराजय तब नहीं होती जब आप गिर जाते हैं, पराजय तब होती है जब आप उठने से इनकार कर देते।..............

Sunday, 6 May 2018

अमरूद

स्वास्थ्यरच्छक -- अमरूद

🌓सेब के समस्त गुण होने एवं अन्य फलों की तुलना में सस्ता होने से अमरूद गरीबों का सेब कहलाता है ।। संस्कृत में इसे अमृतफल कहा जाता है ।। हिन्दी मे अमरूद,, मराठी मे जामफल,, साउथ में पेरू कहा जाता है ।। इसकी कई प्रजातियाँ होती हैं परन्तु मुख्य रूप से गुलाबी और सफेद दो प्रकार का होता है जिसका गूदा अंदर से गुलाबी,, उसे गुलाबी और जिसका गूदा सफेद होता है उसे सफेद अमरूद कहते हैं ।।

गुण -- दोष

जठराग्नि तेज करता है ।।
रुचिकारक,, शूक्रवर्धक,, कब्जनिवारक रेचक होता है ।।
मानसिक शक्ति बढ़ाता है ।।
हृदय के लिए बलवर्धक होता है ।।
कफ निस्सारक,, उलटी एवं चक्कर दूर करता है ।।
तृषा का समन करता है ।। वात पित्त दोष नष्ट करता है ।।
शीतल होने से मानसिक विकृति दूर करता है ।। दाहनाशक होता है ।।
संग्रहणी बवासीर आँवयुक्त दस्त मे भोजन के साथ कम मात्रा में देने से लाभकारक होता है ।। प्रोटीन,, कार्बोहाइट्रेट तथा विटामिन ए,, बी,, सी तथा फास्फोरस एवं कैल्शियम आदि खनिज लवण पाए जाते हैं ।।
अमरूद सेवन का उचित समय सुबह नौ बजे,, दोपहर के भोजन के बाद होता है ।।
बीज कब्ज निवारक होते हैं ।। आँतों की सफाई का काम करते हैं ।। अधिक सेवन करने से अजीर्ण होने पर गुड़ खाने से लाभ होता है ।।

घरेलू उपचार मे उपयोग

★दाँतों का दर्द,,  मसूड़ों की सूजन-- अमरुद के १५-२० मुलायम पत्ते मसलकर २१ गिलास पानी में उबालें, जब पानी आधा रह जाए तो मामूली ठंढ़ा करके ३ ग्राम सेंधा नमक एवं एक ग्राम फिटकरी डालकर दिन में ४-५ बार कुल्ला करने से ३-४ दिन में लाभ होता है!!

★गुदभ्रंश में--- १५-२० मुलायम पत्ते पीसकर गुदा पर कपड़े से बाँधने से बढ़ी हुई सूजन कम होती है तथा बाहर निकला हुआ गुदा अपने स्थान पर आ जाता है,, पत्तों का काढा बनाकर गुदा को धोने से लाभ होता है!! नियमित प्रयोग करना चाहिए!! संकोचक गुण की वजह से लाभ मिलता है!! धोते समय गुदा को अंदर की तरफ धकेलना चाहिए!!

★मुख के छालों में-- अमरूद के पत्तों पर कत्था लगाकर चबाएँ!! केवल पत्तों को चबाने से भी लाभ होता है!! पत्तों और एक ग्राम फिटकरी का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से लाभ होता है!!

★भाँग के नशा में-- नशा चढ़ने पर पके अमरूद खिलाना चाहिए!!  अमरूद न होने पर पत्तों का रस पिलाना चाहिए!!

★हैजा की आरम्भिक अवस्था में-- छाल का या पत्तों का काढ़ा ५० ग्राम उलटी,, दस्त बंद हो जाता है!!

★आँख आने पर--- नरम पत्तों का पुल्टिस बाँधने से दर्द,, सूजन,, लालिमा ठीक होता है!!

★पागलपन में-- नियमित अमरूद खिलाना चाहिए,, काढ़ा ५०-५० ग्राम पिलाने से रोग वृद्धि रुक जाती है!! लाभ होता है!!

★बच्चों के पुराने दस्त में-- २०० ग्राम जड़ की छाल उबालें,, आधा रहने पर ,, ठंढ़ा करके ३-४ बार पिलाने से लाभ होता है!!

★हृदय रोग में-- अमरूद की चटनी लाभप्रद होती है!! बीज निकालकर चटनी बना कर सेवन करें!!

★ज्वर में--- १५-२० पत्तों को पीसकर,, छानकर पिलाने से ज्वर के उपद्रव दूर होते हैं!!

★तृषा में-- मधुमेहजन्य बहुमूत्र  के रोग से उत्पन्न प्यास,, मुँह सूखने के लच्छणों में १०० ग्राम अमरूद को२०० ग्राम पानी में उबालें!! २० मिनट बाद छानकर रोगी को पिलाने से लाभ होता है!!

★पानी जैसे दस्त होने पर अमरूद का मुरब्बा सेवन करना चाहिए!!

★पित्त के बढ़ने से जलन पर अमरूद के बीज निकालकर मिश्री मिलाकर,, पीसकर सेवन करने से पित्त प्रकोप शांत होता है!!

★आधाशीशी दर्द में--
आधे सिर में दर्द होने पर सूर्योदय से पहले कच्चे ताजे अमरूद को पीसकर माथे पर लेप लगाने से कुछ दिनों में पूर्ण लाभ होता है!!

★सूखी खाँसी में-- खाली पेट अमरूद खाने से ३-४ दिनों में खाँसी दूर होगी और कफ निकल जाएगी!!

★अजीर्ण होने पर--- १५-२० कोमल पत्तों का रस निकालकर थोड़ी मिश्री मिलाकर १५ दिन तक पिलाने से लाभ होता है!