एम्स ने कैंसर होने के कारण बताये हैं :
पालीथीन में गरम सब्जी कभी भी पैक न करवाऐं।
1.चाय कभी भी प्लास्टिक के कप में न लें।
2.कोई भी गरम चीज प्लास्टिक में न लें , खासकर भोजन।
3. खाने की चीजों को माइक्रोवेव में प्लास्टिक के बर्तन में गर्म न करें।
याद रखें जब प्लास्टिक गर्मी के संपर्क में आता है तो ऐसा रसायन उत्पन करता है जो 32 प्रकार के कैंसर का कारण है
*यह संदेश भारत में कार्यरत डाक्टरों के समूह से है, जिसको आम जनता के हित में भेजा जा रहा है ।*
*1) कृपया APPY FIZZ का सेवन न करें, क्योंकि इसमें कैंसर*
*पैदा करने वाले रसायन है ।*
*2) कोक या पेप्सी सेवन करने से पहले व बाद में मेन्टोस का सेवन न करें क्योंकि इसका सेवन करने से मिश्रण साईनाइड में बदल* *जाता है, जिससे सेवन करने वाले व्यक्ति की मौत*
*हो सकती है ।*
*3) कुरकुरे का सेवन न करें क्योंकि इसमें प्लास्टिक की काफ़ी मात्रा होती*
*है । इसकी पुष्टी के लिये कुरकुरे*
*को जलायें तो देखेंगे कि प्लास्टिक पिघलने लगा है --टाइम्स*
*आफ़ इण्डिया की रिपोर्ट*
*4) इन गोलियों का सेवन तुरन्त बन्द करें क्योंकि ये बहुत ख़तरनाक है:-*
* *डी-कोल्ड /D-cold*
* *Vicks Action-500*
* *एक्टिफाइड/Actified*
* *कोल्डारिन/Coldarin*
* *कोसोम/Cosome*
* *नाईस/Nice*
* *निमुलिड़/Nimulid*
* *सैट्रीजैट-डी/Cetrizet-D*
*इन गोलियों में फिनाईल प्रोपेनोल- एमाइड पीपीए होता है*
*जिससे ह्रदयाघात् होता है ।* *इसलिये यह दवा अमेरिका में प्रतिबन्धित h.
Yog is the life style, It is every where in our life. Yog touches our body and mind. Now people not care there body so they are losing there energy frequently. Yog regenerate your energy and gives you power either mentally or physically. I am the Yog Trainer and counselor lives in Surat Gujrat in your service.
Saturday, 25 March 2017
पालीथिन से कैंसर
Tuesday, 21 March 2017
*प्याज के फायदे
अगर आप ये सोचते हैं कि प्याज केवल सब्जी बनाने या फिर सलाद में खाने के लिए ही है तो आपको बता दें कि प्याज किसी औषधि से कम नहीं. कई गंभीर बीमारियों के लिए ये रामबाण नुस्खा है. हालांकि इस बात की जानकारी होना भी जरूरी है कि हम इसका इस्तेमाल कब और किस तरह से करें ताकि भरपूर लाभ मिले.
*लू लगने पर*
गर्मियों में लू लग जाना एक आम बात है लेकिन, अगर आप कच्ची प्याज खाते हैं तो आपको लू नहीं लगेगी. लू लगने पर प्याज का रस पीने से फायदा होता है. आपने बड़े-बुजुर्गों को ये कहते भी सुना होगा कि प्याज का टुकड़ा साथ रखने से लू नहीं लगती है.
*झड़ते बालों के लिए फायदेमंद*
अगर आपके बाल गिर रहे हैं तो इसमें प्याज का रस बहुत फायदेमंद हो सकता है. साथ ही बालों में प्याज का रस लगाने से बाल चमकदार होते हैं.
*पेशाब न होने पर*
अगर किसी को रुक-रुक कर पेशाब हो रही हो तो पेट पर प्याज के रस की हल्की मालिश करनी चाहिए. प्याज का रस पीने से पेट संबंधी कई बीमारियों में फायदा होता है.
*सर्दी-जुकाम में*
प्याज की तासीर गर्म होती है. ऐसे में अगर आपको सर्दी हो गई है तो प्याज आपके लिए दवा का काम करेगी . इसके सेवन से बंद नाक और सर्दी में राहत मिलती है.
*लंबी उम्र के लिए*
प्याज का रस किसी बूटी से कम नहीं. इससे कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं इसलिए ये भी कहा जाता है कि प्याज खाने से इंसान की उम्र बढ़ती है.
*स्टोन पेशेंट्स के लिए है वरदान*
अगर आपको स्टोन की शिकायत है तो प्याज का रस आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं. सुबह के समय खाली पेट प्याज का देा चम्मच रस आपको इस मुसीबत से छुटकारा दिला सकता है.
*गठिया के इलाज में*
अगर आपके घर में किसी को गठिया या जोड़ो का दर्द है तो प्याज के रस की मालिश करने से आराम मिलेगा. प्याज के रस को सरसों के तेल में मिलाकर मालिश करने से आराम मिलता है.
आपने सुना ही होगा कि प्याज के छिलके निकालने से क्या फायदा परंतु शायद कम ही लोग जानते हैं कि प्याज के इन्हीं छिलकों में स्वास्थ्य और स्वाद का खजाना छिपा हुआ है। दिखने में साधारण-सा प्याज एक बेहतरीन सब्जी भी है और एक बेजोड़ औषधि भी, प्याज को दूसरों शब्दों में हम एक जमीनी कली भी कह सकते हैं। इसकी ऊपरी हरी और नीचे की सफेद गुलाबी-मांसल दोनों प्रकार की पत्तियाँ बड़े चाव से खाई जाती हैं। आलू के बाद सबसे ज्यादा खाई जाने वाली सब्जी है प्याज।
प्याज में केलिसिन और रायबोफ्लेविन (विटामिन बी) पर्याप्त मात्रा में होता है। इसमें 11 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट होता है और इसकी गंध एन-प्रोपाइल-डाय सल्फाइड के कारण आती है। यह पदार्थ पानी में घुलनशील अमीनों अम्लों पर एन्जाइम की क्रिया के कारण बनता है। यही कारण है कि प्याज को काटने पर ही आँसू आते हैं। हम प्याज का सलाद एवं सब्जी के रूप में तो उपयोग करते ही हैं, यह एक बेहतरीन औषधि भी है।
*प्याज के गुणकारी लाभ :*
*गठिया के इलाज में:*- अगर आपके घर में किसी को गठिया या जोड़ो का दर्द है तो प्याज के रस की मालिश करने से आराम मिलेगा. प्याज के रस को सरसों के तेल में मिलाकर मालिश करने से आराम मिलता है।
प्याज के रस को सरसों के तेल में मिलाकर दो महीनों तक लगातार जोड़ो पर मालिश करने से जोड़ो के दर्द और आमवात में आराम मिलता है।
*कफ की समस्या :* प्याज के रस में मिश्री मिलाकर चाटने से कफ की समस्या से जल्द ही निजात मिलता है।
*गर्मियों में सर में दर्द* होने पर प्याज के सफेद कंद को तोड़कर सूंघने से जल्द ही आराम मिलता है। मसूड़ो में सूजन और दांत मैं दर्द होने की दशा में प्याज के रस और नमक का मिश्रण लगाने से दर्द में राहत मिलती है ।
*बालों के लिए* –बाल गिरने की समस्या से निजात पाने के लिए प्याज बहुत ही असरकारी है। गिरते हुए बालों के स्थान पर प्याज का रस रगडने से बाल गिरना बंद हो जाएंगे। इसके अलावा बालों का लेप लगाने पर काले बाल उगने शुरू हो जाते हैं।
*पथरी के लिए* –अगर आपको पथरी की शिकायत है तो प्याज आपके लिए बहुत उपयोगी है। प्याज के रस को चीनी में मिलाकर शरबत बनाकर पीने से पथरी की से निजात मिलता है। प्याज का रस सुबह खाली पेट पीने से पथरी अपने-आप कटकर प्यास के रास्ते से बाहर निकल जाती है।
*पायरिया की समस्या* है तो प्याज के टुकड़ों को गर्म करके दांतों के नीचे दबाकर मुंह बंद कर लें। ऐसा करने से आपके मुंह में लार एकत्रित हो जाएगी। उसे कुछ देर मुंह में रखने के बाद बाहर निकाल दें। ऐसा दिन में 4-5 बार करने से पायरिया की समस्या समाप्त हो जाती है।
*डायबिटीज* रोगियों को भोजन के साथ कच्चा प्याज खाना चाहिए। प्याज खाने से शरीर में इंसुलिन का स्तर सामान्य हो जाता है।
प्याज कैंसर सेल को बढ़ने से रोकता है। इसमें सल्फर तत्व अधिक मात्रा में होते हैं। यह सल्फर पेट, कोलोन, ब्रेस्ट, फेफड़े और प्रोस्टेट कैंसर से बचाता है।
*बालों के लिए वरदान है प्याज*
खुबसूरत बाल हर कोई चाहता है लेकिन व्यस्त दिनचर्या के चलते बालों का ख्याल रखना नामुकिन होता जा रहा है. घर पर बालों को धोना ही कई महिलाओं को अखरता है जिसके लिए वह महंगे पार्लर में जा कर हेयर स्पा आदि लेती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं बालों की समस्याओं के लिए आपके घर में एक रामबाण इलाज मौजूद है!
बालों का झड़ना, असमय सफेदी, रूसी की समस्या तो आम हो गई है. बालों की इन उलझनों के लिए प्याज एक वरदान है! जी हाँ, प्याज आपके बालों को झड़ने, रुसी, सफेदी और गंजे होते सिर की समस्याओं को दूर करती है. आइए जाने कैसे करें बालों के लिए प्याज का उपयोग...
*ऐसे रोकें झड़ते बाल...*
-प्याज झड़ते बालों को रोक सकती है इसके लिए आप प्याज को कूटकर उसका पेस्ट बना लें. पहले नारियल के तेल से बालों की मालिश करें और आधे घंटे के बाद बालों पर प्याज के पेस्ट को लगाएं.
-या नारियल तेल को कटोरी में लेके गर्म करें और उसमें बारीक़ कटी हुई प्याज डाल कर उसके अच्छी तरह से गुलाबी होने तक तेल को गर्म करते रहें. इसके बाद तेल जब ठंडा हो जाए तो उसे बालों में लगा लें.
-रात भर के लिए यदि लगाना हो तो तेल में प्याज डाल कर गर्म करें अन्यथा पहले वाला उपाय करें और 30 मिनट बाद बाल धो लें.
-तेल के साथ प्याज को बालों पर लगाने से बाल जड़ से मजबूत बनते हैं और बालो का झड़ना रूक जाता है. इस तरह से प्याज और तेल को हफ्ते में दो से तीन बार लगा सकतें हैं. चूंकि प्याज मालिश से ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है इसलिए इसे तेल की तरह लगाना अधिक लाभकारी रहेगा.
*रुसी और फंगल इंफेक्शन को दूर करने के लिए भी प्याज...*
-बालों में रुसी होने पर या जड़ों में फंगल इंफेक्शन होने से बाल कमजोर हो जाते हैं और जल्दी से झड़ने लगते हैं. ऐसे में बाल जड़ों से टूटना शुरू हो जाते हैं और जल्द ही सिर खाली होने लगता है.
-ऐसेमें बालों की जड़ों में प्याज का पेस्ट लगाएं. प्याज का पेस्ट सिर के रोमछिद्रों को पूरी तरह से खोल देता है जिसकी वजह से फंगल इंफेक्शन और रुसी नहीं टिक पाती.
-इसके लिए प्याज को मिक्सी में डाल कर पेस्ट बना लें और 30 मिनट के लिए बालों की जड़ो में लगा कर छोड़ दें. फिर किसी माइल्ड शैम्पू से बालों को धो लें.
-अगर रूसी ज्यादा परेशान करे तो प्याज का रस लगाएं. प्याज के रस को दही और नींबू के मिश्रण में मिला लें और बालों पर इसे लगाएं. आधे घंटे तक इसे लगा रहने दें बाद मे शैंपू से बालों को धों लें.
*नए बाल उगाए प्याज...*
-गंजे सिर पर या चकते पड़ने पर बालों में प्याज के रस से मालिश करें. इससे खून का प्रभाव बढ़ेगा जिससे बालों की लंबाई बढ़ती है.
-इसके लिए नारियल तेल में प्याज का रस बराबर मात्रा में मिलाएं और इससे जड़ों की मालिश करें. फिर आधे घंटे के बाद बालों को धों लें.
-ये भी कर सकतें हैं कि प्याज के रस को सिर पर लगाकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें और बाद में शहद को हाथों में लेकर बालों की जड़ तक मसाज करें. इससे प्याज की महक कम हो जाती है और बालों को पोषण भी मिल जाता है. आधे घंटे बाद इसे माइल्ड शैंपू से धो दें.
घरेलू उपाय
1. दो चम्मच धनिया उबालकर सेवन
करने से आँव में फौरन लाभ होगा ।
2. प्रात: काल बिना कुछ खाए 5दाने
मुनक्का खाने से कब्ज दूर होती है ।
3. लौंग के तेल की दो-तीन बूँदें चीनी
या बतासे के साथ लेने से हैजे में
फायदा होता है ।
4. एक गिलास गरम पानी में डेढ़ चम्मच
शहद गरारे करने से बैठा हुआ गला ठीक
हो जाता है और आवाज खुल जाती है
।
5. शहद और अदरक का रस एक-एक
चम्मच मिलाकर सुबह शाम पीने से
जुकाम ठीक हो जाता है ।
6. एरंडी के तेल में कपूर मिलाकर सुबह
शाम मसूड़ों पर मलें यह प्रयोग मसूड़ों
के लिये अत्यंत लाभकारी है।
7. अमरूद के पत्तों को एक लीटर पानी
में डालकर काढ़ा तैयार कीजिये ।
8. पत्तियों को इतना उबालिये की
उनका रस उस पानी में आ जाए और
पानी उबले दूध की तरह गाढ़ा हो
जाए ।
9. इस काढ़े को बार-बार कुल्ला
कीजिये, इससे भयानक से भयानक
दांत का दर्द भी दूर हो जायेगा ।
10. हल्दी और दूध गर्म कर उसमें गुड़
मिलाकर पीने से जुकाम, कफ व शरीर
दर्द से राहत मिलती है ।
11. जायफल के तेल का फाहा दांत में
रखने से दंतक्षय रुक जाता है । और दांत
के कीड़े मर जाते है । और दांत की
पीड़ा भी शांत होती है ।
12. देसी घी को जरा सा गरम करके
उसमें चुटकी भर नमक मिलाकर होंठों
पर मलें, होंठों का फटना बंद हो
जायेगा ।
13. जहां खटमल दिखाई दें वहां
नारंगी का छिलका कुचलकर रख दें
खटमल नौ दो ग्यारह हो जाएंगे ।
14. भुने हुये प्याज को पीसकर उसमें
जीरे का चूर्ण और मिश्री मिलाकर
खाने से लू का प्रकोप नष्ट होता है ।
15. मुख की दुर्गंध तथा छाले दूर करने के
लिये अनार की छाल पानी में उबाल
कर थोड़ी देर मुंह में रखकर गरारे करें ।
16. खांसी आने पर अरबी की सब्जी
खाएं इससे खांसी को तुरंत आराम
मिलेगा|
17. तुलसी के पत्तों का रस चीनी में
मिलाकर पीने से दिन में दो-तीन बार
प्याज खाने या इमली को भिगो कर
उसका पानी पीने से लू नहीं लगती ।
18. जले हुये स्थान पर केले का गूदा
लगाने से जलन मिटेगी व फफोले नहीं
पड़ेगे ।
19. कत्था पानी में घोल कर गाढ़ा-
गाढ़ा छालों पर लेप करें या गाय के
दूध से बने दही में पका केला मिलाकर
खाएं, छाले बिल्कुल ठीक हो जाएंगे ।
20. गन्ने का रस पीलिया रोग में बड़ा
लाभ-प्रद है यह पीलिया की जड़
काट देता है ।
21. कपूर के चूर्ण को नारियल तेल में
मिलाकर रात को सिर में लगायें सुबह
किसी अच्छे शैम्पू से सिर धो ले जुएं मर
जाएंगे ।
22. ततैया काटने पर कटे हुये स्थान पर
तुरंत मिट्टी का तेल लगाएं, जलन शांत
हो जाएगी ।
23. एक चम्मच तुलसी का रस, एक चम्मच
अदरक का रस और एक चम्मच शहद
मिलाकर दिन में तीन-चार बार सेवन
करने से कफ तथा खांसी में राहत
मिलती है । ...
Heart attack
99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी रिमूव कर देता है पीपल का पत्ता....
पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल, गुलाबी कोंपलें न हों, बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों। प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें।
पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर लें। इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें। जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे स्थान पर रख दें, दवा तैयार ...!!
इस काढ़े की तीन खुराकें बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः से लें। हार्ट अटैक के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है और फिर दिल का दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती ! ...
दिल के रोगी इस नुस्खे का एक बार प्रयोग अवश्य करें ...
* पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत क्षमता है।
* इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें सवेरे 8 बजे, 11 बजे व 2 बजे ली जा सकती हैं।
* खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए, बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें।
* प्रयोगकाल में तली चीजें, चावल आदि न लें। मांस, मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान का प्रयोग बंद कर दें। नमक, चिकनाई का प्रयोग बंद कर दें।
* अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने, किशमिश, गुग्गुल, दही, छाछ आदि लें। ...
तो अब समझ आया, भगवान ने पीपल के पत्तों को हार्टशेप में क्यों बनाया !! ...
रिफाईनड तेल
सबसे ज्यादा मौतें देने वाला भारत में कोई है तो वह है... *रिफाईनड तेल*
केरल आयुर्वेदिक युनिवर्सिटी आंफ रिसर्च केन्द्र के अनुसार, हर वर्ष 20 लाख लोगों की मौतों का कारण बन गया है... *रिफाईनड तेल*
आखिर भाई राजीव दीक्षित जी के कहें हुए कथन सत्य हो ही गये!
रिफाईनड तेल से *DNA डैमेज, RNA नष्ट, , हार्ट अटैक, हार्ट ब्लॉकेज, ब्रेन डैमेज, लकवा शुगर(डाईबिटीज), bp नपुंसकता *कैंसर* *हड्डियों का कमजोर हो जाना, जोड़ों में दर्द,कमर दर्द, किडनी डैमेज, लिवर खराब, कोलेस्ट्रोल, आंखों रोशनी कम होना, प्रदर रोग, बांझपन, पाईलस, स्केन त्वचा रोग आदि!. एक हजार रोगों का प्रमुख कारण है।*
*रिफाईनड तेल बनता कैसे हैं।*
बीजों का छिलके सहित तेल निकाला जाता है, इस विधि में जो भी Impurities तेल में आती है, उन्हें साफ करने वह तेल को स्वाद गंध व कलर रहित करने के लिए रिफाइंड किया जाता है
*वाशिंग*-- वाशिंग करने के लिए पानी, नमक, कास्टिक सोडा, गंधक, पोटेशियम, तेजाब व अन्य खतरनाक एसिड इस्तेमाल किए जाते हैं, ताकि Impurities इस बाहर हो जाएं |इस प्रक्रिया मैं तारकोल की तरह गाडा वेस्टेज (Wastage} निकलता है जो कि टायर बनाने में काम आता है। यह तेल ऐसिड के कारण जहर बन गया है।
*Neutralisation*--तेल के साथ कास्टिक या साबुन को मिक्स करके 180°F पर गर्म किया जाता है। जिससे इस तेल के सभी पोस्टीक तत्व नष्ट हो जाते हैं।
*Bleaching*--इस विधी में P. O. P{प्लास्टर ऑफ पेरिस} /पी. ओ. पी. यह मकान बनाने मे काम ली जाती है/ का उपयोग करके तेल का कलर और मिलाये गये कैमिकल को 130 °F पर गर्म करके साफ किया जाता है!
*Hydrogenation*-- एक टैंक में तेल के साथ निकोल और हाइड्रोजन को मिक्स करके हिलाया जाता है। इन सारी प्रक्रियाओं में तेल को 7-8 बार गर्म व ठंडा किया जाता है, जिससे तेल में पांलीमर्स बन जाते हैं, उससे पाचन प्रणाली को खतरा होता है और भोजन न पचने से सारी बिमारियां होती हैं।
*निकेल*एक प्रकार का Catalyst metal (लोहा) होता है जो हमारे शरीर के Respiratory system, Liver, skin, Metabolism, DNA, RNA को भंयकर नुकसान पहुंचाता है।
रिफाईनड तेल के सभी तत्व नष्ट हो जाते हैं और ऐसिड (कैमिकल) मिल जाने से यह भीतरी अंगों को नुकसान पहुंचाता है।
जयपुर के प्रोफेसर श्री राजेश जी गोयल ने बताया कि, गंदी नाली का पानी पी लें, उससे कुछ भी नहीं होगा क्योंकि हमारे शरीर में प्रति रोधक क्षमता उन बैक्टीरिया को लडकर नष्ट कर देता है, लेकिन रिफाईनड तेल खाने वाला व्यक्ति की अकाल मृत्यु होना निश्चित है!
*दिलथाम के अब पढे*
*हमारा शरीर करोड़ों Cells (कोशिकाओं) से मिलकर बना है, शरीर को जीवित रखने के लिए पुराने Cells नऐ Cells से Replace होते रहते हैं नये Cells (कोशिकाओं) बनाने के लिए शरीर खुन का उपयोग करता है, यदि हम रिफाईनड तेल का उपयोग करते हैं तो खुन मे Toxins की मात्रा बढ़ जाती है व शरीर को नए सेल बनाने में अवरोध आता है, तो कई प्रकार की बीमारियां जैसे* -— कैंसर *Cancer*, *Diabetes* मधुमेह, *Heart Attack* हार्ट अटैक, *Kidney Problems* किडनी खराब,
*Allergies, Stomach Ulcer, Premature Aging, Impotence, Arthritis, Depression, Blood pressure आदि हजारों बिमारियां होगी।*
रिफाईनड तेल बनाने की प्रक्रिया से तेल बहुत ही मंहगा हो जाता है, तो इसमे पांम आंयल मिक्स किया जाता है! (पांम आंयल सवमं एक धीमी मौत है)
*सरकार का आदेश*--हमारे देश की पॉलिसी अमरिकी सरकार के इशारे पर चलती है। अमरीका का पांम खपाने के लिए,मनमोहन सरकार ने एक अध्यादेश लागू किया कि,
प्रत्येक तेल कंपनियों को 40 %
खाद्य तेलों में पांम आंयल मिलाना अनिवार्य है, अन्यथा लाईसेंस रद्द कर दिया जाएगा!
इससे अमेरिका को बहुत फायदा हुआ, पांम के कारण लोग अधिक बिमार पडने लगे, हार्ट अटैक की संभावना 99 %बढ गई, तो दवाईयां भी अमेरिका की आने लगी, हार्ट मे लगने वाली स्प्रिंग(पेन की स्प्रिंग से भी छोटा सा छल्ला) , दो लाख रुपये की बिकती हैं,
यानी कि अमेरिका के दोनो हाथों में लड्डू, पांम भी उनका और दवाईयां भी उनकी!
*अब तो कई नामी कंपनियों ने पांम से भी सस्ता,, गाड़ी में से निकाला काला आंयल* *(जिसे आप गाडी सर्विस करने वाले के छोड आते हैं)*
*वह भी रिफाईनड कर के खाद्य तेल में मिलाया जाता है, अनेक बार अखबारों में पकड़े जाने की खबरे आती है।*
सोयाबीन एक दलहन हैं, तिलहन नही...
दलहन में... मुंग, मोठ, चना, सोयाबीन, व सभी प्रकार की दालें आदि होती है।
तिलहन में... तिल, सरसों, मुमफली, नारियल, बादाम आदि आती है।
अतः सोयाबीन तेल , पेवर पांम आंयल ही होता है। पांम आंयल को रिफाईनड बनाने के लिए सोयाबीन का उपयोग किया जाता है।
सोयाबीन की एक खासियत होती है कि यह,
प्रत्येक तरल पदार्थों को सोख लेता है,
पांम आंयल एक दम काला और गाढ़ा होता है,
उसमे साबुत सोयाबीन डाल दिया जाता है जिससे सोयाबीन बीज उस पांम आंयल की चिकनाई को सोख लेता है और फिर सोयाबीन की पिसाई होती है, जिससे चिकना पदार्थ तेल तथा आटा अलग अलग हो जाता है, आटा से सोया मंगोडी बनाई जाती है!
आप चाहें तो किसी भी तेल निकालने वाले के सोयाबीन ले जा कर, उससे तेल निकालने के लिए कहे!महनताना वह एक लाख रुपये भी देने पर तेल नही निकालेगा, क्योंकि. सोयाबीन का आटा बनता है, तेल नही!
सूरजमुखी, चावल की भूसी (चारा) आदि के तेल रिफाईनड के बिना नहीं निकाला जा सकता है, अतः ये जहरीले ही है!
फॉर्च्यून.. अर्थात.. आप के और आप के परिवार के फ्यूचर का अंत करने वाला.
सफोला... अर्थात.. सांप के बच्चे को सफोला कहते हैं!
5 वर्ष खाने के बाद शरीर जहरीला
10 वर्ष के बाद.. सफोला (सांप का बच्चा अब सांप बन गया है.
15 साल बाद.. मृत्यु... यानी कि सफोला अब अजगर बन गया है और वह अब आप को निगल जायगा.!
पहले के व्यक्ति 90.. 100 वर्ष की उम्र में मरते थे तो उनको मोक्ष की प्राप्ति होती थी, क्योंकि.उनकी सभी इच्छाए पूर्ण हो जाती थी।
और आज... अचानक हार्ट अटैक आया और कुछ ही देर में मर गया....?
उसने तो कल के लिए बहुत से सपने देखें है, और अचानक मृत्यु..?
अधुरी इच्छाओं से मरने के कारण.. प्रेत योनी मे भटकता है।
*राम नही किसी को मारता.... न ही यह राम का काम!*
*अपने आप ही मर जाते हैं.... कर कर खोटे काम!!*
गलत खान पान के कारण, अकाल मृत्यु हो जाती है!
*सकल पदार्थ है जग माही..!*
*कर्म हीन नर पावत नाही..!!*
अच्छी वस्तुओं का भोग,.. कर्म हीन, व आलसी व्यक्ति संसार की श्रेष्ठ वस्तुओं का सेवन नहीं कर सकता!
तन मन धन और आत्मा की तृप्ति के लिए सिर्फ कच्ची घाणी का तेल, तिल सरसों, मुमफली, नारियल, बादाम आदि का तेल ही इस्तेमाल करना चाहिए! पोस्टीक वर्धक और शरीर को निरोग रखने वाला सिर्फ कच्ची घाणी का निकाला हुआ तेल ही इस्तेमाल करना चाहिए!
आज कल सभी कम्पनी.. अपने प्रोडक्ट पर कच्ची घाणी का तेल ही लिखती हैं!
वह बिल्कुल झूठ है.. सरासर धोखा है!
कच्ची घाणी का मतलब है कि,, लकड़ी की बनी हुई, औखली और लकडी का ही मुसल होना चाहिए! लोहे का घर्षण नहीं होना चाहिए. इसे कहते हैं.. कच्ची घाणी.
जिसको बैल के द्वारा चलाया जाता हो!
आजकल बैल की जगह मोटर लगा दी गई है!
लेकिन मोटर भी बैल की गती जितनी ही चले!
लोहे की बड़ी बड़ी सपेलर (मशिने) उनका बेलन लाखों की गती से चलता है जिससे तेल के सभी पोस्टीक तत्व नष्ट हो जाते हैं और वे लिखते हैं.. कच्ची घाणी...
.....................................................
स्वदेशी अपनाओ.. परिवार व देश बचाओ
Monday, 20 March 2017
कोलस्ट्रोल बढ़ने के कारण हार्ट अटैक
ये याद रखिये की भारत मैं सबसे ज्यादा मौते कोलस्ट्रोल बढ़ने के कारण हार्ट अटैक से होती हैं।
आप खुद अपने ही घर मैं ऐसे बहुत से लोगो को जानते होंगे जिनका वजन व कोलस्ट्रोल बढ़ा हुआ हे।
अमेरिका की कईं बड़ी बड़ी कंपनिया भारत मैं दिल के रोगियों (heart patients) को अरबों की दवाई बेच रही हैं !
लेकिन अगर आपको कोई तकलीफ हुई तो डॉक्टर कहेगा angioplasty (एन्जीओप्लास्टी) करवाओ।
इस ऑपरेशन मे डॉक्टर दिल की नली में एक spring डालते हैं जिसे stent कहते हैं।
यह stent अमेरिका में बनता है और इसका cost of production सिर्फ 3 डॉलर (रू.150-180) है।
इसी stent को भारत मे लाकर 3-5 लाख रूपए मे बेचा जाता है व आपको लूटा जाता है।
डॉक्टरों को लाखों रूपए का commission मिलता है इसलिए व आपसे बार बार कहता है कि angioplasty करवाओ।
Cholestrol, BP ya heart attack आने की मुख्य वजह है, Angioplasty ऑपरेशन।
यह कभी किसी का सफल नहीं होता।
क्यूँकी डॉक्टर, जो spring दिल की नली मे डालता है वह बिलकुल pen की spring की तरह होती है।
कुछ ही महीनो में उस spring की दोनों साइडों पर आगे व पीछे blockage (cholestrol व fat) जमा होना शुरू हो जाता है।
इसके बाद फिर आता है दूसरा heart attack ( हार्ट अटैक )
डॉक्टर कहता हें फिर से angioplasty करवाओ।
आपके लाखो रूपए लुटता है और आपकी जिंदगी इसी में निकल जाती हैं।
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अब पढ़िए
उसका आयुर्वेदिक इलाज
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अदरक (ginger juice) -
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यह खून को पतला करता है।
यह दर्द को प्राकृतिक तरीके से 90% तक कम करता हें।
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लहसुन (garlic juice)
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इसमें मौजूद allicin तत्व cholesterol व BP को कम करता है।
वह हार्ट ब्लॉकेज को खोलता है।
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नींबू (lemon juice)
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इसमें मौजूद antioxidants, vitamin C व potassium खून को साफ़ करते हैं।
ये रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) बढ़ाते हैं।
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एप्पल साइडर सिरका ( apple cider vinegar)
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इसमें 90 प्रकार के तत्व हैं जो शरीर की सारी नसों को खोलते है, पेट साफ़ करते हैं व थकान को मिटाते हैं।
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इन देशी दवाओं को
इस तरह उपयोग में लेवें
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1-एक कप नींबू का रस लें;
2-एक कप अदरक का रस लें;
3-एक कप लहसुन का रस लें;
4-एक कप एप्पल का सिरका लें;
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चारों को मिला कर धीमीं आंच पर गरम करें जब 3 कप रह जाए तो उसे ठण्डा कर लें;
अब आप
उसमें 3 कप शहद मिला लें
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रोज इस दवा के 3 चम्मच सुबह खाली पेट लें जिससे
सारी ब्लॉकेज खत्म हो जाएंगी।
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