ध्यान एक यौगिक अभ्यास है जो हमारे शरीर और मन को आराम देता है । आप जानते
हैं कि कई बार हम बेचैन और चितिंत हो जाते हैं। हमें अपने शरीर और मन को आराम देने की आवश्यकता होती है । यह आराम ध्यान से प्राप्त हो सकता है । अत: ध्यान का अभ्यास प्रतिदिन करें ।
Yog is the life style, It is every where in our life. Yog touches our body and mind. Now people not care there body so they are losing there energy frequently. Yog regenerate your energy and gives you power either mentally or physically. I am the Yog Trainer and counselor lives in Surat Gujrat in your service.
Tuesday, 24 January 2017
ध्यान
Monday, 23 January 2017
Pranayam
कपालभाति
कपालभाती एक यौगिक क्रिया मानी जाती है जो शरीर के विशिष्ट भागों के विजातीय तत्वों को बाहर निकाल कर शरीर को स्वच्छ बनाती है ।
संस्कृत शब्द कपाल का अर्थ है ‘माथा’ और
भाति का अर्थ है ‘चमकना’ । कपालभाति मस्तिष्क
के अग्रभाग को दोष मुक्त करने में सहायक होता है ।
आइए, नीचे दिए गए चरणों का अनुसरण करते हुए कपालभाति करें —
प्रारंभिक स्थिति — पदमासन, अर्धपदमासन या
वज्रासन में सीधे बैठें ।
1. नासाछिद्रों (नथनों) द्वारा गहरा श्वास लें ।
2. अब उदरीय मांसपेशियों को संकुचित करते हुए बल लगाकर श्वास बाहर निकालें ।
श्वास लेने की कि्रया में कोई प्रयास न करें । यह कपालभाति का एक प्रयास है ।
एक
बार में इस प्रकार के 10 प्रयासों के साथ शुरू करें । यह एक चक्र है । आप एक सत्र
में एक से तीन चक्रों का अभ्यास कर सकते हैं । जो
शरीर के विशिष्ट भागों के विजातीय तत्वों को बाहर निकाल कर शरीर को स्वच्छ बनाती है
निम्नलिखित बिंदुओ को याद रखें —
क्या करें क्या न करें
• श्वास छोड़ने के लिए बल लगाएँ और
श्वास को अदर स्वत: आने दें ।
• केवल श्वास छोड़ने पर ध्यान केंद्रित करें ।
• श्वास छोड़ते समय उदर की मांसपेशियों को सिकोड़ें ।
• श्वास छोड़ते समय छाती या कंधों को
हिलाएँ नहीं ।
• चेहरे को विकृत न करें ।
लाभ
• यह क्रिया उदरीय क्षेत्र के स्नायओु को उददीप्त करती है, उदरीय मांसपेशियों को
स्वस्थ करती है और पाचन में सुधार करती है ।
• कपालभाति फेफड़ों से कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य अपशिष्ट गैसों को बाहर
निकालती है ।
• यह हृदय और फे फड़ों की क्षमता में सधुार करती है इसलिए यह श्वसन संबंधी रोगों, जैसे अस्थमा के लिए अच्छी है ।
• यह आलस्य दरू करती है ।
सीमाएँ
हृदय संबंधी समस्याओ, उच्च रक्तचाप, हर्निया, चक्कर आना और गैस्ट्रिक अल्सर से पीडित व्यक्तियों को कपालभाति का अभ्यास नहीं करना चाहिए ।
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