Friday, 30 April 2021

गिलोय

🙏#गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं। इसलिए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है। 

कहते हैं कि देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला और इस अमृत की बूंदें जहां-जहां छलकीं, वहां-वहां गिलोय की उत्पत्ति हुई।

#इसका वानस्पिक नाम( Botanical name) टीनोस्पोरा कॉर्डीफोलिया (tinospora cordifolia है। इसके पत्ते पान के पत्ते जैसे दिखाई देते हैं और जिस पौधे पर यह चढ़ जाती है, उसे मरने नहीं देती। इसके बहुत सारे लाभ आयुर्वेद में बताए गए हैं, जो न केवल आपको सेहतमंद रखते हैं, बल्कि आपकी सुंदरता को भी निखारते हैं। 

#आइए_जानते_हैं_गिलोय_के_फायदे…....

#गिलोय बढ़ाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

गिलोय एक ऐसी बेल है, जो व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर उसे बीमारियों से दूर रखती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। यह खून को साफ करती है, बैक्टीरिया से लड़ती है। लिवर और किडनी की अच्छी देखभाल भी गिलोय के बहुत सारे कामों में से एक है। ये दोनों ही अंग खून को साफ करने का काम करते हैं।

#ठीक करती है बुखार

अगर किसी को बार-बार बुखार आता है तो उसे गिलोय का सेवन करना चाहिए। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करती है। इसलिए डेंगू के मरीजों को भी गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है। डेंगू के अलावा मलेरिया, स्वाइन फ्लू में आने वाले बुखार से भी गिलोय छुटकारा दिलाती है।

#गिलोय के फायदे – डायबिटीज के रोगियों के लिए

गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट है यानी यह खून में शर्करा की मात्रा को कम करती है। इसलिए इसके सेवन से खून में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है, जिसका फायदा टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को होता है।

#पाचन शक्ति बढ़ाती है

यह बेल पाचन तंत्र के सारे कामों को भली-भांति संचालित करती है और भोजन के पचने की प्रक्रिया में मदद कती है। इससे व्यक्ति कब्ज और पेट की दूसरी गड़बडिय़ों से बचा रहता है।

#कम करती है स्ट्रेस

गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में तनाव या स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बन चुका है। गिलोय एडप्टोजन की तरह काम करती है और मानसिक तनाव और चिंता (एंजायटी) के स्तर को कम करती है। इसकी मदद से न केवल याददाश्त बेहतर होती है बल्कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी दुरूस्त रहती है और एकाग्रता बढ़ती है।

#बढ़ाती है आंखों की रोशनी

गिलोय को पलकों के ऊपर लगाने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके लिए आपको गिलोय पाउडर को पानी में गर्म करना होगा। जब पानी अच्छी तरह से ठंडा हो जाए तो इसे पलकों के ऊपर लगाएं।

#अस्थमा में भी फायदेमंद

मौसम के परिवर्तन पर खासकर सर्दियों में अस्थमा को मरीजों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से गिलोय की मोटी डंडी चबानी चाहिए या उसका जूस पीना चाहिए। इससे उन्हें काफी आराम मिलेगा।

#गठिया में मिलेगा आराम

गठिया यानी आर्थराइटिस में न केवल जोड़ों में दर्द होता है, बल्कि चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। गिलोय में एंटी आर्थराइटिक गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह जोड़ों के दर्द सहित इसके कई लक्षणों में फायदा पहुंचाती है।

#अगर हो गया हो एनीमिया, तो करिए गिलोय का सेवन

भारतीय महिलाएं अक्सर एनीमिया यानी खून की कमी से पीडि़त रहती हैं। इससे उन्हें हर वक्त थकान और कमजोरी महसूस होती है। गिलोय के सेवन से शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है।

#बाहर निकलेगा कान का मैल

कान का जिद्दी मैल बाहर नहीं आ रहा है तो थोड़ी सी गिलोय को पानी में पीस कर उबाल लें। ठंडा करके छान के कुछ बूंदें कान में डालें। एक-दो दिन में सारा मैल अपने आप बाहर जाएगा।

#कम होगी पेट की चर्बी

गिलोय शरीर के उपापचय (मेटाबॉलिजम) को ठीक करती है, सूजन कम करती है और पाचन शक्ति बढ़ाती है। ऐसा होने से पेट के आस-पास चर्बी जमा नहीं हो पाती और आपका वजन कम होता है।

#खूबसूरती बढ़ाती है गिलोय

गिलोय न केवल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, बल्कि यह त्वचा और बालों पर भी चमत्कारी रूप से असर करती है….

#जवां रखती है गिलोय

गिलोय में एंटी एजिंग गुण होते हैं, जिसकी मदद से चेहरे से काले धब्बे, मुंहासे, बारीक लकीरें और झुर्रियां दूर की जा सकती हैं। इसके सेवन से आप ऐसी निखरी और दमकती त्वचा पा सकते हैं, जिसकी कामना हर किसी को होती है। अगर आप इसे त्वचा पर लगाते हैं तो घाव बहुत जल्दी भरते हैं। त्वचा पर लगाने के लिए गिलोय की पत्तियों को पीस कर पेस्ट बनाएं। अब एक बरतन में थोड़ा सा नीम या अरंडी का तेल उबालें। गर्म तेल में पत्तियों का पेस्ट मिलाएं। ठंडा करके घाव पर लगाएं। इस पेस्ट को लगाने से त्वचा में कसावट भी आती है।

#बालों की समस्या भी होगी दूर

अगर आप बालों में ड्रेंडफ, बाल झडऩे या सिर की त्वचा की अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं तो गिलोय के सेवन से आपकी ये समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।

#गिलोय का प्रयोग ऐसे करें :--

अब आपने गिलोय के फायदे जान लिए हैं, तो यह भी जानिए कि गिलोय को इस्तेमाल कैसे करना है…

#गिलोय जूस

गिलोय की डंडियों को छील लें और इसमें पानी मिलाकर मिक्सी में अच्छी तरह पीस लें। छान कर सुबह-सुबह खाली पेट पीएं। अलग-अलग ब्रांड का गिलोय जूस भी बाजार में उपलब्ध है।

#काढ़ा

चार इंच लंबी गिलोय की डंडी को छोटा-छोटा काट लें। इन्हें कूट कर एक कप पानी में उबाल लें। पानी आधा होने पर इसे छान कर पीएं। अधिक फायदे के लिए आप इसमें लौंग, अदरक, तुलसी भी डाल सकते हैं।

#पाउडर

यूं तो गिलोय पाउडर बाजार में उपलब्ध है। आप इसे घर पर भी बना सकते हैं। इसके लिए गिलोय की डंडियों को धूप में अच्छी तरह से सुखा लें। सूख जाने पर मिक्सी में पीस कर पाउडर बनाकर रख लें।

#गिलोय वटी

बाजार में गिलोय की गोलियां यानी टेबलेट्स भी आती हैं। अगर आपके घर पर या आस-पास ताजा गिलोय उपलब्ध नहीं है तो आप इनका सेवन करें।

साथ में अलग-अलग बीमारियों में आएगी काम

अरंडी यानी कैस्टर के तेल के साथ गिलोय मिलाकर लगाने से गाउट(जोड़ों का गठिया) की समस्या में आराम मिलता है।इसे अदरक के साथ मिला कर लेने से रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या से लड़ा जा सकता है।खांड के साथ इसे लेने से त्वचा और लिवर संबंधी बीमारियां दूर होती हैं।आर्थराइटिस से आराम के लिए इसे घी के साथ इस्तेमाल करें।कब्ज होने पर गिलोय में गुड़ मिलाकर खाएं।

#साइड इफेक्ट्स का रखें ध्यान

वैसे तो गिलोय को नियमित रूप से इस्तेमाल करने के कोई गंभीर दुष्परिणाम अभी तक सामने नहीं आए हैं लेकिन चूंकि यह खून में शर्करा की मात्रा कम करती है। इसलिए इस बात पर नजर रखें कि ब्लड शुगर जरूरत से ज्यादा कम न हो जाए। 

#गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए। पांच साल से छोटे बच्चों को गिलोय न दें। 

🙏#एक निवेदन :--  अपने घर में बड़े गमले या आंगन में जंहा भी उचित स्थान हो गिलोय की बेल अवश्य लगायें यह बहु उपयोगी वनस्पति ही नही बल्कि आयुर्वेद का अमृत और ईश्वरीय वरदान है।
🙏❤🙏

Wednesday, 23 January 2019

त्रयः उपस्तंभः

तीन डंडो को आपस में एक दूसरे के सपोर्ट से खड़ा कर दीजिये । आसान है। पर इनमे से एक भी गिरा तो बाकि के दूसरे भी गिर जाएंगे ।
आपका स्वास्थ्य सही रहे इसके लिए आयुर्वेद में इसी तरह की एक तिकड़ी है उसके बारे में जान लीजिये ।

जीवन अगर स्वास्थ्य हो तो ही जीवन का आनंद है।जीवन को आप वर्ष में मापते हैं । पर उन्ही वर्षों को गिनियेगा जब आप पूर्ण स्वस्थ हैं । बीमार होकर जीना को आयुर्वेद में आयु माना ही नहीं गया है।

तो स्वास्थ्य रहना ही जीवन है बीमार होकर जीना आपकी आयु नहीं बढ़ाता है वर्ष या महीने या दिन की गिनती केवल बढ़ाता है ।
अपनी आयु को बढ़ाना चाहते हैं तो आयुर्वेद की तीन तिकड़ी को जानना जरुरी है जिसे आयुर्वेद ने त्रयः उपस्तंभः कहा है।

*पहला स्तम्भ-आहार*

खाना सही नहीं हो तो आपका जीवन का विकेट कभी भी गिर सकता है। भोजन का ज्ञान आपको होना ही चाहिए क्योंकि ये कितना जरुरी है  सब जानते है ।इसको बताना केवल समय की बर्बादी होगी । तो स्वास्थ्य रहने के लिए आपको भोजन में ये फार्मूला इस्तेमाल करना है

1.हित भूक*
जो शरीर के लिए हितकारी हो फायदेमंद हो वही खाये। केवल स्वाद के लिए खाना खा रहे हैं तो आप अपना जीवन खतरे में डाल रहे हैं।

2.मितभुक्*
कम खाये । केवल खाना ही जरुरी नहीं है। उसे पचाना ज्यादा जरुरी है । ज्यादा खाना अच्छे स्वास्थ्य का गारंटी नहीं देता है । तो सुबह जितना खाना खा सकते है खाएं । दोपहर को सुबह से कम खाएं ।रात को नहीं खाएं बल्कि साम को ही खा लें ।वो भी थोडा सा ।खाने के बाद सोएं नहीं।

3.ऋत भूक*
मौसम के अनुसार खाएं। आजकल तकनीक  का प्रयोग करके फल और सब्जी पुरे वर्ष उपलब्ध रहता है । पर जो फल या सब्जी अपने स्वाभाविक मौसम में मिलता है वो प्राकृतिक है और स्वास्थ्यकर है। ये सस्ता तो होगा ही इसमें पोषक तत्व भी भरपूर मिलेंगे ।

साथ ही *तीन जहर* भी हैं जिनको भोजन से दूर करिये

1.मैदा* _
ये महीन होता है और आंतो में जाकर चिपक जाता है। इससे आप कितना भी अच्छे  भोजन करें वो सरीर को नहीं मिलेगा ।मैदा के कारण पोषक तत्व खून में नहीं मिल पाते और बाहर निकल जाते हैं। कब्ज का बड़ा कारण मैदे की बनाई फ़ास्ट फ़ूड है। लड़कियों का मुछ निकलना और जरुरत से ज्यादा बड़े ब्रेस्ट होना इसी मैदे के कारण है। ब्रेस्ट कैंसर इसी की देन है।

2.चीनी*_
चीनी सरीर को एसिडिक बनाता है।सरीर में 40% एसिड और 60% बेस होना चाहिए। ये चीनी सरीर में इस संतुलन को बिगड़कर सरीर को एसिडिटी कम करता है। साथ ही इसकी सफाई SLS से होती है जो जानवर की हड्डी से बनता है।यही SLS से आपके सैंपू सर्फ़ साबुन में झाग आता है और आपके चीनी को भी सफ़ेद करने के काम आता है। ये जहर है। चीनी आपके सरीर में जाकर high bp मधुमेह लकवा गैस ब्लड एसिडिटी migrane और भी कई खतरनाक बीमारी पैदा करता है।

3.सफ़ेद नमक* _
देश में निपुंसक लोगो की संख्या बढ़ी है तो इस नमक के कारण। अभी लोगो को पहली संतान तो होती है पर दूसरी संतान होने में दिक्कत होती है। तो इसी सफ़ेद नमक का प्रभाव है। bp को बढ़ाता है। और पोसक तत्व के नाम पर  सोडियम क्लोरीन और iodin है जिस से सरीर को नुकसान ही हो रहा है। तो सेंधा नमक खाइये इसमें  magnisium समेत 104 पोषक तत्व हैं ।

*दूसरा स्तम्भ-निंद्रा*

सूर्य जीवन का स्त्रोत है ।
सूर्य के साथ साथ चलकर ही जीवन को स्वास्थ्य बनाया जा सकता है।
सूर्य के उठने के ठीक पहले उठ जाइये । जिसे ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। स्वस्थ रहने के लिए ये जरुरी है। क्यों?

सुबह में वात और कफ  सरीर में एक साथ बढ़ जाता है ।इस समय मल सही तरीके से सरीर से बहार निकल जाता है। अगर आप इस समय नहीं उठे और फ्रेश नहीं हुए तो किसी दूसरे समय में आपको ज्यादा दिक्कत होगी ।ये कब्ज गैस अपच जैसी बीमारी को जन्म देगा। पेट की बीमारियां बढ़ जाएगी।
इस समय आप उठते हैं तो पित बढ़ने की सम्भावना कम होती है । अभी जितने भी योन रोग है उसमे अधिकतर इस पित की गड़बड़ी से ही उत्पन्न होते हैं । अगर आपको या आपके किसी मित्र को यौन समस्या है तो निश्चित ही देर से उठने के कारन है।तो इसका ध्यान तो रखना ही होगा।
अगर आप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाते हैं तो आपको अपने पुरे दिन को प्लान करने  का एक्स्ट्रा टाइम मिल जाता है ।ये बहुत जरुरी है । एलान लॉय मैग्निस् एक बड़े मनोवैज्ञानिक हैं और उनके अनुसार कोई भी महान विजेता या सफल व्यक्ति सुबह जल्दी उठकर खुद से बात करता है और खुद को सलाह देता है ।ये उसकी सफलता को निश्चिन्त करता है।

सरीर को घडी नहीं सूर्य के अनुसार ही चलाइये।
early to bed early to raise
Makes a man healthy wealthy and wise

*तीसरा स्तम्भ - ब्रह्मचर्य*

सरीर में शक्ति का प्रवाह निचे से ऊपर की और होता है ।जीवन में प्रत्येक व्यक्ति ऊपर उठना चाहता है । अंधकार से प्रकाश की और जाना चाहता है । अंधकार निचे है और प्रकाश ऊपर है । अपनी रीढ़ की हड्डी को देखिये । सबसे निचे अंधकार है और सबसे ऊपर मष्तिस्क में प्रकाश है। इसी प्रकाश को ब्रह्म रंध्र भी कहते हैं । ज्ञान की ये सबसे ऊपरी सीढी है । इसी के करीब जाना ही ब्रह्मचर्य धारण करना है ।
अब निचे से ऊपर जाने के लिए प्रयाश करना पड़ता है गिरना तो आसान है। जब हम अमर्यादित सेक्स करते हैं तो ऊर्जा निचे की और आ जाती है । तो अगर मर्यादा में रहकर सेक्स एक्टिविटी करें तो ऊर्जा ऊपर की और जाएगी । जब आप की ये ऊर्जा सबसे ऊपरी शिखर पर पहुंचेगी तो आपको स्थायी आनंद मिलेगा । ।ये  जीवन को सच में आनंदित और स्वस्थ रखेगी। सेक्स आनंद तो देता है पर ये कुछ समय के लिए ही है और स्थाई नहीं है । ब्रह्मचर्य स्थाई आनंद है । ये बात सभी पर लागु है गृहस्थ और सन्यासी सभी पर।

तो अगर आप आयुर्वेद के इन तीन स्तम्भ को समझें और इस के अनुसार जीवन जियें तो हमेसा स्वास्थ्य रहिएगा ।100 साल जीवन जी सकियेगा।
जितना बडा प्लाट होता है, उतना बडा बंगला नही होता !! जितना बडा बंगला होता है,उतना बडा दरवाजा नही होता !! जितना बडा दरवाजा होता है ,उतना बडा ताला नही होता !!
जितना बडा ताला होता है , उतनी बडी चाबी नही होती !! परन्तु चाबी पर पुरे बंगले का आधार होता है।
इसी तरह मानव के जीवन मे बंधन और मुक्ति का आधार मन की चाबी पर ही निर्भर होता है।
है मानव...तू सबकुछ कर पर किसी को परेशान मत कर,जो बात समझ न आऐ उस बात मे मत पड़ !
पैसे के अभाव मे जगत 1% दूखी है,समझ के अभाव मे जगत 99% दूखी है !!!

Friday, 18 January 2019

My Links

https://youtu.be/87mHO04aYcw

Fb. Page..
 https://m.facebook.com/samyakyogpariwar/


Friday, 3 August 2018

स्वास्थ्य सुझाव

1 .अधिक क्रोध के लिये आँवले का मुरब्बा और गुलकंद...

बहुत क्रोध आता हो तो सुबह आँवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन खाएँ और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दूध पी लें . क्रोध आना शांत हो जाएगा .

2 .पेट में कीड़ों के लिये अजवायन और नमक

आधा ग्राम अजवायन चूर्ण में स्वादानुसार काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बच्चों के पेट के कीडे नष्ट होते हैं . बडों के लिये - चार भाग अजवायन के चूर्ण में एक भाग काला नमक मिलाना चाहिये और दो ग्राम की मात्रा में सोने से पहले गर्म पानी के साथ लेना चाहिये .

3.घुटनों में दर्द के लिये अखरोट

सवेरे खाली पेट तीन या चार अखरोट की गिरियाँ खाने से घुटनों का दर्द मैं आराम हो जाता है .

4 .पेट में वायु - गैस के लिये मट्ठा और अजवायन -

पेट में वायु बनने की अवस्था में भोजन के बाद 125 ग्राम दही के मट्ठे में दो ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से वायु - गैस मिटती है . एक से दो सप्ताह तक आवश्यकतानुसार दिन के भोजन के पश्चात लें .

5 .काले धब्बों के लिये नीबू और नारियल का तेल..
चेहरे व कोहनी पर काले धब्बे दूर करने के लिये आधा चम्मच नारियल के तेल में आधे नीबू का रस निचोड़ें और त्वचा पर रगड़ें , फिर गुनगुने पानी से धो लें .

6 . शारीरिक दुर्बलता के लिये दूध और दालचीनी

दो ग्राम दालचीनी का चूर्ण सुबह शाम दूध के साथ लेने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है और शरीर स्वस्थ हो जाता है . दो ग्राम दालचीनी के स्थान पर एक ग्राम जायफल का चूर्ण भी लिया जा सकता है .

7 .मसूढ़ों की सूजन के लिये अजवायन.. I
मसूढ़ों में सूजन होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूँदें पानी में मिलाकर कुल्ला करने से सूजन में आराम आ जाता है .

8 .हृदय रोग में आँवले का मुरब्बा

आँवले का मुरब्बा दिन में तीन बार सेवन करने से यह दिल की कमजोरी , धड़कन का असामान्य होना तथा दिल के रोग में अत्यंत लाभ होता है , साथ ही पित्त , ज्वर , उल्टी , जलन आदि में भी आराम मिलता है .

9 .सरसों का तेल केवल पाँच दिन -
रात में सोते समय दोनों नाक में दो दो बूँद सरसों का तेल पाँच दिनों तक लगातार डालें तो खाँसी - सर्दी और साँस की बीमारियाँ दूर हो जाएँगी . सर्दियों में नाक बंद हो जाने के दुख से मुक्ति मिलेगी और शरीर में हल्कापन मालूम होगा .

10 .अजवायन का साप्ताहिक प्रयोग -

सुबह खाली पेट सप्ताह में एक बार एक चाय का चम्मच अजवायन मुँह में रखें और पानी से निगल लें . चबाएँ नहीं . यह सर्दी , खाँसी , जुकाम , बदनदर्द , कमर - दर्द , पेटदर्द , कब्जियत और घुटनों के दर्द से दूर रखेगा . 10 साल नीचे के से बच्चों को आधा चम्मच 2 से 10 ग्राम और से ऊपर सभी को एक चम्मच यानी 5 ग्राम लेना चाहिए .

Tuesday, 31 July 2018

अनार के फायदे

अनार शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि अनार फाइबर विटामिन C में समृद्ध है। फोलिक एसिड के विटामिन A और एंटीऑक्सिडेंट को अनार स्वास्थ्य के साथ सौंदर्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण पाया जाता है, ताकि सभी फल शरीर को कुछ रूप में लाभ पहुंचा सकें। लेकिन अनार को शरीर के लिए सबसे गुणकारी बताया गया है जैसे कि एक कहावत है एक अनार सौ बीमार यानी अनार का सेवन दो तरह की बीमारियों से लड़ने की क्षमता देता है। अगर आप 7 दिनों तक लगातार अनार का जूस पीते हैं तो उसे आपको क्या फायदे हो सकते हैं।

1. मधुमेह :
मधुमेह रोगियों के लिए अनार के सेवन को बहुत ही फायदेमंद बताया गया है आप सोचते होंगे कि अनार में तो शुगर होती है। लेकिन अनार के जूस में जरूर होता है जिसे रक्त का शुगर लेवल नहीं बढ़ता मधुमेह रोगियों को अन्य फल और उनसे तैयार किए गए जूस पीने की सलाह कम दी जाती है।

2. कैंसर :

अनार का सेवन शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में हेल्प करता है जिससे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से बचाव होता है। अनार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर के टॉक्सिन को बाहर निकालता है ब्रेस्ट कैंसर में यह बहुत ही फायदेमंद फल है।

3. वजन घटाएँ :

यदि आपका वजन सामान्य से ज्यादा हो तो अनार का सेवन आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होगा अनार के सेवन से कमर पर जमी चर्बी को कम किया जा सकता है। मोटे व्यक्ति की सबसे ज्यादा चर्बी कमर पर ही होती है यदि आप अनार नहीं खा सकते तो इसका जूस भी आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा।

4. हड्डी रोगों में :

अनार के रस के प्रतिदिन सेवन से हड्डियों और जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। डॉक्टर भी अनार खाने की सलाह देते हैं अनार का सेवन शरीर में कौटिल्य को तोड़ने में सहायक है।

5. हृदय रोगियों के लिए :

अनार खाने या अनार का जूस पीने से रक्त संचालन अच्छी तरह से होता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा काफी कम होता है। अनार के जूस में पाए जाने वाले तत्व कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करते हैं और रक्त को शुद्ध करते हैं। पाचन क्रिया को दुरुस्त प्रतिदिन अनार का सेवन करने से पाचन संबंधित समस्याएं को आराम मिलता है।यदि आपकी पाचन क्रिया सही है तो आपको रोग होने की आशंका कम रहती है। अनार के नियमित सेवन से धमनियां भी ठीक रहती है।

6. चेहरे पर निखार :

अनार स्वास्थ्य के साथ ही सुंदरता के लिए भी बहुत फायदेमंद है आयुर्वेद में इसे सुंदरता को बढ़ाने वाला फल कहा जाता है। अनार के छिलके से तैयार किए गए  स्क्र्ब को इस्तेमाल करने से चेहरे के ब्लैक और व्हाइट हेड्स निकल जाते हैं। अनार का प्रतिदिन सेवन आपकी त्वचा में निखार लाता है जिससे आप पहले से ज्यादा सुंदर लगते हैं।

7. प्रेग्नेंट लेडीज के लिए :

अनार में विटामिन और मिनरल के साथ-साथ फ्लोरिक एसिड पाया जाता है जो कि गर्भ में पल रहे शिशु के लिए अच्छा भोजन है यह शिशु की रक्षा करता है। अनार में पाया जाने वाला पोटेशियम महिलाओं को पैरों में होने वाले दर्द से राहत देता है। इसके सेवन से प्रीमेच्योर डिलीवरी का खतरा कम होता है।

Wednesday, 25 July 2018

गन्ने के रस के जबरदस्त फायदे

🎋गन्ने रस के जबरदस्त फायदे 🎋

👉गन्‍ने में बहुत सा विटामिन और मिनरल पाया जाता है जो कि शरीर के लिये बहुत अच्‍छा माना जाता है।
👉गन्ने के रस में फास्फोरस, लोहा, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है।
कई लोगों को ज्‍यादा पानी पीने की आदत नहीं होती जिससे उन्‍हें डीहाइड्रेशन हो जाता है। शरीर में पानी की कमी ना होने पाए इसके लिये गन्‍ने का रस पीजिये। गर्मियों में भी अपने शरीर को ठंडा रखने के लिये गन्‍ने का रस पीजिये।
👉 गन्ने के रस में अदरक का रस एवं नारियल पानी मिलाकर सेवन करने से पाचन क्रिया सुधरती है।
👉हृदय की जलन व कमजोरी दूर होती है।
👉यह जीवनीशक्ति व नेत्रों की शक्ति को कायम रखता है।
👉गन्ने का रस पीने से हिचकी बंद हो जाती है।
👉बुखार होने पर गन्‍ने का सेवन करने से बुखार जल्दी उतर जाता है।
👉इसमें पालक , पुदीना , अदरक , निम्बू , काला और सेंधा नमक , काली मिर्च आदि मिलवा कर पीना चाहिए।
👉गन्ने के रस में ज्यादा बर्फ मिलाकर नहीं पीना चाहिए, सिर्फ रस पीना ज्यादा फायदेमंद है।
👉इसे पीने से कई तरह की बीमारियां जैसे, एनीमिया, जौण्डिस(पीलिया) हिचकी आदि ठीक हो जाते हैं।
👉अम्लपित्त, रोगों में गन्ने का ताजा रस काफी फायदेमंद है।
👉पीलिया ठीक करने के लिये रोज दो गिलास गन्‍ने के रस में नींबू और नमक मिला कर पीना चाहिये,और गेहूं के दाने के बराबर चुना मिलाकर पिएं लगातार 5-7दिन।।
👉लिवर के रोगों में रामबाण औषधि है गन्ने का रस।
👉एसीडिटी के कारण होने वाली जलन में भी गन्ने का रस लाभदायक होता है।- गन्ने के रस का सेवन यदि नींबू के रस के साथ किया जाए तो पीलिया जल्दी ठीक हो जाता है।
👉मूत्र पथ(नली) के संक्रमण, यौन संचारित रोगों और पेट में सूजन आदि गन्‍ने के रस से ठीक हो जाती है।
👉सुबह 11 बजे से पहले पिने पर अमृत का काम करता है।
👉ओर भी बहुत अनगिनत फायदे है गन्ने के रस के......!

Tuesday, 24 July 2018

लौकी के फायदे

औषधीय गुणों से भरपूर लौकी_

1) हैजा होने पर 25 एमएल लौकी के रस में आधा नींबू का रस मिलाकर धीरे-धीरे पिएं। इससे मूत्र बहुत आता है। 

2) खांसी, टीबी, सीने में जलन आदि में भी लौकी बहुत उपयोगी होती है। 

3) हृदय रोग में, विशेषकर भोजन के पश्‍चात एक कप लौकी के रस में थोडी सी काली मिर्च और पुदीना डालकर पीने से हृदय रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

4) लौकी में श्रेष्‍ठ किस्‍म का पोटेशियम प्रचुर मात्रा में मिलता है, जिसकी वजह से यह गुर्दे के रोगों में बहुत उपयोगी है और इससे पेशाब खुलकर आता है। 

5) लौकी श्‍लेषमा रहित आहार है। इसमें खनिज लवण अच्‍छी मात्रा में मिलती है। 

6) लौकी के बीज का तेल कोलेस्‍ट्रॉल को कम करता है तथा हृदय को शक्‍ति देता है। यह रक्‍त की नाडि़यों को भी स्‍वस्‍थ बनाता है।
लौकी का उपयोग आंतों की कमजोरी, कब्‍ज, पीलिया, उच्‍च रक्‍तचाप, हृदय रोग, मधुमेह, शरीर में जलन या मानसिक उत्‍तेजना आदि में बहुत उपयोगी है।